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कविता : जख्म बहुत गहरे हैं
• सुषमा त्रिपाठी सुनो! तुमने कहा एक बार ही सही विश्वास तो…
कविता : हृदय में बसी हुई हो तुम
• प्रमोद दीक्षित मलय तुम जीवन का उत्साह प्रबल, मेरी श्वांस हो…
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