Kavita
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“राष्ट्रीय विकलांग दिवस” को समर्पित कविता।
“दिव्यांगता” -हंसराज हंस शारीरिक या मानसिक हो, व्याधि। जिसके ईलाज का अंत हो, न आदि। जब बीमारी या क्षति हो…
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पोखर में हरा सिंघाड़ा
• प्रमोद दीक्षित मलय ताल तलैया में भरा सिंघाड़ा। पोखर में तैरे हरा सिंघाड़ा। कोई खाता है गुड़ से, कोई-…
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“इबादत”
हंसराज ‘हंस’ करो इबादत हमेशा, परवरदिगार से ऐसी। देश रहे खुश मिजाज, नही हो किसी की हंसी। सबको करो प्रेम…
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प्रेम बांटने से सुख मिलता
• प्रमोद दीक्षित मलय कैसा यह संसार कबीरा। नहीं बचा उर प्यार कबीरा।। . स्वारथ के सब रिश्ते नाते। घर…
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गोवर्धन पूजा
हंसराज हंस दीपावली के बाद, करते है सब गोवर्धन पुजा। सब इसका गूढ़ार्थ समझे,तब आयगा बहुत मजा। श्री कृष्ण ने…
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धरती पर न रहे अंधेरा
• प्रमोद दीक्षित मलय बाहर दीप जलाने से पहले, अंतर्मन में इक दीप जला लें। नेह सुधा-जल से अभिसिंचित कर,…
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राह दिखाते दीप
–प्रमोद दीक्षित मलय गली-द्वार मुस्काते दीप। मन को बहुत सुहाते दीप। धनी-निर्धन में भेद न कर। मधुरिम प्यार लुटाते दीप।…
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सेवा धर्म निभाओ
– हंसराज”हंस” मानव जीवन पाया है तो, सेवा धर्म निभाओ धन,दौलत सब यहीं छुटेगा, सेवा करके पुण्य धन कमाओ। दीन,दु:खयों,…
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यादें……
राजीव कुमार झा आकाश से कहाँ गये वे उड़ते सारे बादल सूखी धरती पर सागर की लहरों को किसने कहाँ…
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ध्वज फहरें विश्वास न्याय के
• प्रमोद दीक्षित मलय मन से मन के मृदु तार मिलाएं। गूंज उठेंगे जीवन वीणा स्वर। निशिवासर प्रतिपल प्रत्येक प्रहर।…
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