आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
बांदा जनपद के पैलानी थाना क्षेत्र बड़ागांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालयो में। जहां पर बेसिक शिक्षा की मनमानी देखने को मिल रही है। बेसिक शिक्षा का जीता जागता प्रमाण नौनिहालों के साथ विद्यालय में किया जा रहा खिलवाड़, पूरा मामला जसपुरा विकासखंड के विद्यालय बड़ागांव का है। जहां के मासूम बच्चों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। विद्यालय में साफ सफाई की व्यवस्था नहीं शौचालय में गंदगी का अंबार अध्यापको द्वारा नौनिहालो के साथ खिलवाड़ तथा उनके मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। जसपुरा विकासखंड के ग्राम पंचायत बड़ा गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक ने 2:बजे ही सभी बच्चों को छोड़ा।
जब इस संबंध में प्रधानाचार्य से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जिला अधिकारी का मेला लगा हुआ है। इसलिए बच्चों को छोड़ा गया है जब इस संबंध में एबीएसए व बीएसए को फोन लगाया लगाया गया तो उन्होंने अपना फोन ही नहीं रिसीव किया। जिलाधिकारी महोदय अपना मेला महोत्सव बंद करिए क्योंकि आपके मेला महोत्सव के चक्कर में यहां बच्चों के साथ खिलवाड़ हो रहा है।बच्चों को अपने ही विद्यालय व गांव के लोगों ने बताया, कि अध्यापिका केवल मोबाइल फोन पर ही लगी रहती हैं। गांव के लोगों ने बताया,की अगर कोई भी समस्या लेकर स्कूल जाते है तो वहाँ पर उपस्थित अध्यापकों द्वारा गाली गलौज किया जाता है और धमकी भी दी जाती है। योगी राज में सरकारी स्कूलों में धांधली मासूमों के साथ उत्पीड़न बीजेपी सरकार में रामराज का पहला वाक्य नहीं है यह हाल में जनपद में विद्यालयों की खबरें चल रही हैं। लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी अध्यापकों के ऊपर कोई भी कार्यवाही नहीं करते विद्यालय में बच्चों से खाने के बर्तन खुद धुलाये जाते हैं। विद्यालय में अध्यापकों का आने जाने का कोई समय ही नहीं है। बच्चों को कभी 3 बजे नही छोड़ा जाता कभी दो बजे तो कभी एक बजे छोड़ दिया जाता है।।जब इस सबन्ध में विद्यालय के अध्यापकों से बात की गई तो विद्यालय के रजिस्टर दिखाने से मना कर दिया। मासूम नौनिहालों को मिड डे मील भोजन अच्छा नहीं दिया जा रहा मासूम नौनिहालों के मुंह का निवाला अध्यापकों और अधिकारियों की भ्रष्टता और बेईमानी की भेंट चढ़ गया। ऐसा नहीं है कि इसमें अध्यापक ही दोषी है बिस्वस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तहसील नरैनी के पिपरहरी प्राथमिक विद्यालय में भी प्रधान के तानशाह रवैए के चलते छात्र छात्राओं को मेनू के हिसाब से भोजन नहीं दिया जाता ।योगी सरकार के ईमानदार अधिकारी कभी भी नहीं जागे, विद्यालय में नियुक्त अध्यापक व सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी की सांठगांठ के कम चल रहा है। इस संबंध में जब सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी जसपुरा से फोन कर संपर्क किया गया तो उनका फोन ही नही लगा है। जब इस सबन्ध में बेसिक शिक्षा अधिकारी बांदा से फोन में जानकारी करनी चाही तो उनका कहना था कि कार्यवाही बहुत ही जल्द की जाएगी । इस तरह से यह समास्या पूरे जनपद में ब्याप्त है बस अंतर इतना है कहीं कम है कहीं ज्यादा।योगी जी की सरकार में मासूम बच्चों का निवाला छीन कर अपना पेट भर रहे या यूं कहें कि अपनी तिजोरीयां भर रहे है। देखना यह है कि इस पर बरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान आकर्षित भी होता है य फिर आंख कान मूंदेते है यह समय के गर्त में है।