पंजाब के बहाने पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत उत्तराखंड में भी अनुसूचित जाति के करीब 19 फीसद वोट बैंक पर अपनी नज़र जमाये है पंजाब के बहाने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक बार फिर अपने जीवनकाल में अनुसूचित जाति के शिल्पकार व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनते देखने की इच्छा जताई है।
गांधी जयंती पर गांवों के प्रवास के दौरान रावत समेत तमाम दिग्गज कांग्रेस नेता अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के साथ सहभोज करने के साथ उनसे उनकी समस्याओं को भी सुना जायगा र्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बतौर पंजाब कांग्रेस प्रभारी पंजाब में अनुसूचित जाति के व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाने में अहम भूमिका निभा चुके हैं। रावत पंजाब के बहाने अब उत्तराखंड में भी अनुसूचित जाति के वोट बैंक को साधने की जुगत में है। प्रदेश में कांग्रेस की चुनावी रणनीति को धार देने में जुटे हरीश रावत ने बताया कि महात्मा गांधी के सिद्धांतों को कांग्रेस फिर से आत्मसात करेगी। गांधी लोकतंत्र और कांग्रेस, दोनों के ही शक्ति स्रोत हैं।
उन्होंने कहा कि गांधी की राह पर आगे बढ़ते हुए प्रदेश में भी कांग्रेसजन गांधी जयंती पर गांवों का रुख कर रहे हैं। वहां स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। गांवों में गरीबों, अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के साथ सहभोज होगा। स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान करेंगे। गांवों में वाल्मीकि जनों का सम्मान किया जाएगा। युवाओं व महिलाओं से संवाद कर कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र के लिए सुझाव भी लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में यह पहल आगे भी जारी रहेगी।
उत्तराखंड में कांग्रेस के चुनाव अभियान की कमान संभाल रहे हरीश रावत बतौर पंजाब प्रभारी अपनी भूमिका को ब्रेक देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव में अब कम वक्त बचा है। ऐसे में पार्टी यहां भी चुनावी अभियान को तेज करेगी। उन्होंने कहा कि यह मामला हाईकमान के संज्ञान में है। जल्द इस पर फैसला हो सकता है। पंजाब में भी कांग्रेस के भीतर उत्पन्न स्थितियों का स्थानीय स्तर पर समाधान करने की हिदायत पार्टी हाईकमान दे चुका है