मोहम्मद अरशद की रिपोर्ट
उतरौला बलरामपुर। उतरौला तहसील के अन्तर्गत विकास खण्ड रेहरा बाजार के नयानगर स्थित मदरसा तालीमुल इस्लाम जूनियर हाईस्कूल देवारीखेरा(घोघरा) में भारत के लौह पुरुष कहे जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल के 145वें जन्मदिन के शुभ अवसर पर राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर तथा उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। राष्ट्रीय एकता दिवस के शुभ अवसर पर लोगों को एकता का पाठ सिखाया गया। राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत केंद्र सरकार ने सन् 2014 में दिल्ली में किया था। जिलाध्यक्ष अपना दल (एस) बलरामपुर शिव पूजन पटेल ने लोगों को सम्बोधित करते हुए बताया कि सरदार वल्लभ भाई पटेल को एकता का मिसाल भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने हमेशा देश को एकजुट करने का प्रयास किया। इसलिए आज का दिन सरदार वल्लभ भाई पटेल को याद करते हुए उन्हें हम श्रद्धांजलि देते हैं और इस दिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाते हैं। 31 अक्टूबर सन् 2014 को राष्ट्रीय एकता दिवस को सर्वव्यापी बनाने और महान लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को याद करने के लिए मैराथन का भी आयोजन किया जाता था लेकिन इस बार कोरोना महामारी की वजह से मैराथन दौड़ का आयोजन नही किया जा सका है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता दिवस को मनाने के साथ-साथ देश के युवा पीढ़ी को राष्ट्रीय एकता का संदेश भी पहुंचाता है क्योंकि अगर देश के युवा पीढ़ी एकता को समझेंगे तभी राष्ट्रीय एकता सफल होगा। इस दिन देश के विभिन्न स्थानों पर राष्ट्रीय एकता से संबंधित कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। रन फॉर यूनिटी मैराथन देश के विभिन्न शहरों गांव और जिलों में आयोजन किया जाता है इस दिन स्कूलों, राष्ट्रीय सेवा योजना के लोग बहुत बढ़ चढ़ कर इस कार्यक्रम में हिस्सा लेते है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय एकता दिवस सरदार वल्लभ भाई पटेल के राष्ट्र के प्रति समर्पण को याद रखने के लिए मनाया जाता है।
राष्ट्रीय एकता दिवस अलग-अलग समुदाय के लोगों के बीच एकता की भावना को बढ़ावा देता है और सांस्कृतिक समानता लाता है। उन्होंने बताया कि एकता एक ऐसी ताकत है जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के समय अंग्रेज शासन के विरुद्ध आम भारतीय लोगों ने मिलकर दिखाई थी जिसका अंजाम हमारे सामने हैं कि हमारा भारतवर्ष आजाद है।राधेश्याम वर्मा ने कार्यक्रम के अपने उदबोधन में बताया कि राष्ट्रीय एकता दिवस देश में एकता,प्रेम,शांति और बंधुत्व की भावना को बढ़ावा देता है। राष्ट्रीय एकता दिवस को मनाने से देश के लोगों के अंदर एक नई ताजगी और ताकत आती है जो उन्हें प्रोत्साहित करती है। देश के विभिन्न धर्मों के लोगों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और शिक्षा शिविरों की सहायता से एक दूसरे के साथ मिलकर काम करने में आसानी होती है। देश की अर्थव्यवस्था और न्याय प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवाम में एकता का होना बहुत ही आवश्यक है जिससे देश के विकास में कोई कठिनाई नहीं आएगी। डॉक्टर सूरज पटेल ने कहा कि एकता का सबसे बड़ा बाधक है स्वार्थी पल क्योंकि जब वक्त सिर्फ अपने फायदे और नुकसान के बारे में सोचता है तथा उसे दूसरे की परवाह नहीं होती है। तो भी देश का विकास नहीं हो सकता। जब भारत आजाद नहीं था तो इस अखंडता का फायदा अंग्रेज उठाते थे इसीलिए देश में एकता होना बहुत ही आवश्यक है। देश के विकास में एकता का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि पूरे देश का विकास कोई एक अकेला व्यक्ति नहीं कर सकता है। राष्ट्र में एकता होने से उसकी स्थिति मजबूत होती है और अखंडता आ जाने से देश की स्थिति कमजोर हो जाती है ऐसी परिस्थिति में हमारा ही नुकसान होता है। भारतवर्ष में एकता के स्वर को सबसे ज्यादा बुलंद स्वतंत्रता सेनानी और लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने किया था। सरदार वल्लभ भाई पटेल हमेशा देश के युवाओं को एकता का संदेश देते थे और राष्ट्र की एकता के लिए उन्हें प्रोत्साहित करते थे। अगर सभी को देश में विकास चाहिए तो सबको एक साथ कदम से कदम मिलाकर चलना होगा।
जिलाध्यक्ष अपना दल (एस) बलरामपुर शिवकुमार पटेल ने बताया कि आज अपना दल एस की तरफ से जनपद के तीनों तहसीलों में सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिन तुलसीपुर तहसील अन्तर्गत गुलरिहा हिसामपुर में एवं बलरामपुर में अपना दल (एस) के कार्यालय पर मनाया गया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष मंशाराम वर्मा, जयप्रकाश वर्मा, शिवनाथ विश्वकर्मा एडवोकेट,डॉक्टर उस्मान खान, बृजेश मिश्रा,रामजी वर्मा, ताजुद्दीन खां, राजेश वर्मा, विजयपाल वर्मा, राम बहोर वर्मा, जिला मीडिया सचिव राम चरित्र वर्मा,नब्बन वर्मा, अनिल वर्मा, तुलसीराम वर्मा, राजकिशोर वर्मा,आशाराम वर्मा, राम चन्द्र वर्मा, गंगाराम वर्मा, शत्रोहन वर्मा, सुभाष वर्मा, जितेन्द्र वर्मा, प्रदीप वर्मा,सन्दीप वर्मा व सुरेश वर्मा सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।