कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
उन्नाव। उत्तर प्रदेश सामूहिक दुष्कर्म की एक और घटना उस समय सामने आई जब थाना स्तर पर न्याय ना मिलने के बाद पीड़िता पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर अपनी आपबीती सुनाई। अपने परिजनों के साथ गंभीर हालत में पहुंची पीड़िता ने न्याय ही नहीं उपचार के लिए भी दर-दर की ठोकरें खा रही है। इस संबंध में बातचीत करने पर क्षेत्राधिकारी बीघापुर ने बताया कि मामला जमीनी विवाद से जुड़ा है और एनसीआर में दर्ज कर पीड़िता को उपचार भी कराया गया। इधर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में अपर पुलिस अधीक्षक के आश्वासन पर पीड़ित और उसके परिवार को राहत महसूस हुई । जब उन्होंने पीड़िता का पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बयान कराया और बीघापुर कोतवाली को एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए।
बीघापुर क्षेत्र की घटना
बीघापुर कोतवाली क्षेत्र के गांव में विगत 2 जून आधी रात को पड़ोस में रहने वाले दो अज्ञात सहित चार लोगों ने महिला के साथ जबरन दुष्कर्म किया। इस दौरान उन्होंने महिला के मुंह में कपड़ा ठूंस आंखों में पट्टी व हाथ पैरों को बांध दिया। घटना की जानकारी घर वालों को सुबह उस समय हुई जब पीड़िता उतर कर नीचे नहीं आई। दूसरे की छत से जाकर मौके पर पहुंचे देवर ने देखा कि उसकी भाभी की आंखों में पट्टी बंधी है। और बेहोशी की हालत में पड़ी है, हाथ पैर ठंडे हो चुके थे। पीड़िता के देवर ने बताया कि घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। लेकिन पुलिस ने यहां कागजी कार्यवाही करके महिला को चलता कर दिया। महिला न्याय और उचित इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही है। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र बिना एफआईआर के उपचार करने से मना कर रहा है। पीड़िता के देवर ने बताया कि अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी के निर्देश पर महिला पुलिस द्वारा पीड़िता का बयान लिया गया। उन्होंने बीघापुर थाने में जाकर तहरीर देने को कहा है। उन्होंने आश्वासन दिया की एफआईआर दर्ज कर विवेचना की जाएगी। इस संबंध में बातचीत करने पर क्षेत्राधिकारी बीघापुर ने बताया कि मामला जमीनी विवाद का है।घटना एनसीआर में दर्ज कर पीड़िता का मेडिकल कराया गया है। गौरतलब है एक हफ्ता से ज्यादा बीत जाने के बाद भी पीड़िता को न्याय नहीं मिला और ना ही उचित उपचार। आज भी पीड़िता गंभीर हालत में न्याय व उपचार के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही है।