ब्यूरो रिपोर्ट
ललितपुर। सोनभद्र में सोने की खदान मिलने के बाद अब देश विदेश की कंपनियों की निगाहें बुंदेलखंड के ललितपुर पर टिकी हैं। इस आकर्षण की वजह है ललितपुर में बहुमूल्य धातु प्लैटिनम का भंडार मिलना। उत्तर प्रदेश खनिकर्म एवं पुरातत्व विभाग और भारतीय भू-सर्वेक्षण विभाग ने इसकी पुष्टि की है। विभाग की टीम द्वारा मड़ावरा विकास खंड के आधा दर्जन गांवों के भू-भाग के कुछ स्थानों को चिन्हित कर खनिजों की उपलब्धता को तलाशा गया है। जांच के नमूने आगरा, दिल्ली और हैदराबाद भेजे गए हैं।
वन विभाग से मांगी अनुमति
भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के निदेशक रौशन जैकब ने कहा कि ललितपुर में प्लैटिनम होने की पुष्टी सर्वे टीम ने की है। टीम ने जी थ्री सर्वे के जरिये प्लैटिनम पाए जाने की पुष्टि की है। प्लैटिनम निकालने के लिए खनन से पूर्व जीएसआई से भी सर्वे कराने का फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि ललितपुर के रॉक फास्फेट के खनन के लिए उनके विभाग ने वन विभाग से अनुमति मांगी है। अनुमति मिलते ही रॉक फास्फेट का काम वहां शुरू हो जाएगा।
सोना होने का भी दावा
प्लैटिनम के साथ-साथ जिले के भूगर्भ में सोना होने के भी संकेत हैं। भू-भाग के कुछ स्थानों को चिन्हित कर तलाशे गए खनिजों को जांच के लिए आगरा, दिल्ली और हैदराबाद प्रयोगशालाओं को भेजा गया। प्रयोगशालाओं में जांच के उपरांत प्लैटिनम के साथ-साथ सोने की उपलब्धता की भी जानकारी पायी गई। वहीं, कनाडा की खनिज सर्वेक्षण एजेंसी समेत अन्य एजेंसियों ने भी यहां जांच कर सोने की उपलब्धता का दावा किया था। भू-सर्वेक्षण टीम ने मात्र जमीन तल से एक मीटर गहराई पर ही सोने की उपलब्धता जताई थी। यह उपलब्धता 25 किलोमीटर लम्बाई और 2.5 किलोमीटर चौड़ाई में होने की बात कही गयी थी। इस दावे के बाद सोनभद्र में सोने की खदान मिलने के बाद अब ललितपुर में भी आस बंधी है कि यहां भी सोने की खोज पूरी होगी जिससे इस अंचल के दिन बहुर सकते हैं।