राकेश की रिपोर्ट
चंडीगढ़। पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों पर चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन के नज़दीक 100 मीटर क्षेत्र में बने मकानों के मामले में पंजाब सरकार को 19 फरवरी को लगी कड़ी फटकार के बाद में गुरूवार सुबह 9 बजे ही प्रसाशनिक अधिकारियों ने 2 फायर ब्रगेड की गाड़ीयाँ, एक क्रेन 5 जेसीबी मशीनों सहित भारी पुलिस बल की मौजूदगी में अवैध ऐलानी गई 81 इमारतों में से 13 गोदामों के बाहर नोटिस लगा कर मुनियादी करवाने के बाद तोड़ फोड़ के लिए विशेष मुहिम चलाई गई।
100 मीटर क्षेत्र में रहते अन्य लोग इन 13 निर्माणों को तोड़ने की कारवाई अपनी छतों पर चढ़ कर देख रहे थे और हर एक को अपनी ज़िंदगी भर की कमाई के साथ बनाऐ आशियाने के टूटने और बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही थी। लोगों में हाईकोर्ट के फ़ैसले प्रति रोष व्याप्त था और लोग सवाल कर रहे थे कि यदि सरकार को हवाई अड्डे के 100 मीटर क्षेत्र की जमीन की यदि ज़रूरत थी ही तो जिस समय पर एयरफोर्स के लिए पभात गाँव की ज़मीन एक्वायर की गई थी उस समय पर ही जमीन एक्वायर क्यों नहीं कर ली गई या फिर उस समय पर इस क्षेत्र में काँटो वाली तार क्यू नहीं लगाई गई ताकि लोगों की जिंदगी भर की कमाई मिट्टी होने से बच जाती।
इस दौरान वर्जित क्षेत्र में बने 13 गोदामों को जे.सी.बी. की सहायता से गिराया गया। 19 फरवरी को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार को कारवाई के लिए पुलिस बल और ड्यूटी मैजिस्ट्रेट लगाने के लिए फटकार लगाई गई थी। लंबे समय से घरों का निर्माण करके बसे लोगों में निर्माण तोड़ने की कारवाही दौरान डर और प्रशासन प्रति नाराज़गी का माहौल देखने को मिला।
100 मीटर क्षेत्र में रहते अन्य लोग इन 13 निर्माणों को तोड़ने की कारवाई अपनी छतों पर चढ़ कर देख रहे थे और हर एक को अपनी ज़िंदगी भर की कमाई के साथ बनाऐ आशियाने के टूटने और बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही थी। लोगों में हाईकोर्ट के फ़ैसले प्रति रोष व्याप्त था और लोग सवाल कर रहे थे कि यदि सरकार को हवाई अड्डे के 100 मीटर क्षेत्र की जमीन की यदि ज़रूरत थी ही तो जिस समय पर एयरफोर्स के लिए पभात गाँव की ज़मीन एक्वायर की गई थी उस समय पर ही जमीन एक्वायर क्यों नहीं कर ली गई या फिर उस समय पर इस क्षेत्र में काँटो वाली तार क्यू नहीं लगाई गई ताकि लोगों की जिंदगी भर की कमाई मिट्टी होने से बच जाती। लोगों यह भी आरोप लगाया कि तोड़फोड़ की इस कारवाई में प्रशासन उनके साथ भेदभाव कर रसूखदार व्यक्तियों द्वारा उनके बाद बनाए निर्माणों ख़िलाफ़ कोई कारवाई नहीं कर रहा।