देवेश कटियार की रिपोर्ट
कानपुर– कानपुर में शनिवार को बसपा नेता को गोलियों से भून दिया गया। खून से लथपथ हालत में उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। नरेंद्र सिंह सेंगर उर्फ पिंटू सेंगर एक दशक पहले उस समय सुर्खियों में आया था, जब 2010 में मायावती के जन्मदिन पर उसने बसपा सुप्रीमो मायावती के लिए चांद पर जमीन खरीदने का दावा किया था। इसके बाद मायावती ने उसे पार्टी से निकाल दिया था।
हालांकि दो साल पहले पिंटू फिर से बसपा में आ गया था। वह सांसद रहीं फूलनदेवी का भी करीबी था। सूत्रों की मानें तो फूलन देवी ने ही राजनीति में उसकी एंट्री करवाई थी। वर्तमान में पिंटू भोगनीपुर से विधायक का चुनाव लड़ने की तैयारी में था। 2007 में बसपा से विधायकी का चुनाव लड़ा था, हालांकि हार गया था। पिंटू ने राजनीति में अच्छी पकड़ बनाई और विरोधियों की करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी जब्त कराई। तभी से उसकी दुश्मनी और बढ़ गई थी।
बसपा नेता पिंटू सेंगर हत्या
नरेंद्र के परिवार में पत्नी नीलम सेंगर, बेटी अपर्णा है। नरेंद्र चार भाइयों में सबसे बड़ा था। छोटे भाई धर्मेंद्र एयरफोर्स से रिटायर्ड हैं, देवेंद्र उर्फ बबलू सेना में हैं और शैलेंद्र फील्ड गन फैक्टरी में हैं। पिता सोने सिंह भी फील्ड गन फैक्टरी से रिटायर्ड हैं। नरेंद्र सिंह सेंगर और उसका परिवार राजनीति से जुड़ा रहा है।