कानपुर। घाटमपुर के सजेती मढ़ा गांव में अंधविश्वास में एक महिला ने खुद की जीवन दांव पर लगा दिया। इतना नहीं उसका साथ घर वालों और कुछ अंधविश्वासी गांव वालों ने भी दिया। भगवान मैं तुम्हारे पास आ रही हूं, मुझे अपनी शरण में लो… यह कहते हुए महिला गहरे गड्ढे में उतर गई और परिवार के लोगों ने चारपाई रखकर ऊपर से मिट्टी डालकर बंद कर दिया। अंधविश्वास की हद तो तब हो गई जब गांव वालों ने फूल डालकर पूजन अर्चन शुरू कर दिया। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस तत्काल पहुंच गई और गड्ढे की मिट्टी हटवाकर महिला को सुरक्षित जिंदा बाहर निकाला।
मढ़ा गांव में बुधवार को आस्था के नाम देकर जिंदगी से दिन भर अंधविश्वास का खेल चला। गांव वालों ने बताया है कि रामसजीवन की 50 वर्षीय पत्नी गोमती काफी दिनों से घर पर ही पूजन अर्चन करती चली आ रही है। बुधवार दोपहर को गोमती ने परिवार के लोगों से कहा कि उन्हें भगवान शिव ने रात में दर्शन दिए हैं और इसपर उसने आराधना के लिए भू-समाधि लेने का निर्णय लिया है। उसके अंधविश्वास में आए घरवाले भी उसकी बातों पर यकीन कर बैठे। इसके बाद घर के दरवाजे पर उसके लिए चार फीट गहरा गड्डा खोदा।
गड्ढा खोदे जाने पर पड़ोसी भी एकत्र हो गए और कारण पूछा तो गोमती फिर अपनी अंधविश्वासी बातें बताईं। इसपर कुछ ग्रामीणों ने उसकी बातों को मजाक में उड़ा दिया और कुछ उसके अंधविश्वास में आकर साथ हो गए। इसके बाद गोमती गांव वालों के सामने गड्ढे के अंदर चली गई और परिवार वालों ने ऊपर से चारपाई रख दी। इसके बाद उसपर मिट्टी डालकर गड्ढा बंद कर दिया। गड्ढा मिट्टी से बंद हो जाने के बाद कुछ लोगों ने समाधि के ऊपर फूल डालकर पूजन और भजन-कीर्तन शुरू कर दिया। इसपर कुछ ग्रामीणो ने पुलिस काे घटना की सूचना दी।
करीब चार घंटे बाद इसकी जानकारी मिलते ही प्रशासिनक और पुलिस महकमे में खलबली मच गई। आनन फानन घाटमपुर एसडीएम अरुण श्रीवास्तव और सीओ गिरीश कुमार फोर्स लेकर मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने तत्काल समाधि की मिट्टी हटवाकर महिला को बाहर निकलवाया और सीएचसी में भर्ती कराया। डाॅक्टरों ने परीक्षण के बाद उसकी हालत खतरे से बाहर और स्वस्थ बताया है। ग्रामीणों ने बताया कि बीते पांच वर्षों से महिला शिवरात्रि से पहले 24 घंटे के लिए समाधि लेती रही है। एसडीएम ने बताया कि महिला को सुरक्षित बाहर निकालकर गड्ढे में मिट्टी डलवाकर बंद करा दिया गया है। पुलिस महिला और उसके घरवालों से पूछताछ कर रही है।