वाराणसी
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से 13 दिसंबर को वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण में शामिल होने के लिए भाजपा शासित राज्यों के करीब 12 मुख्यमंत्रियों एवं दो उप मुख्यमंत्रियों को आमंत्रण भेजा गया है. लगभग सभी सीएम और डिप्टी सीएम ने कार्यक्रम में शामिल होने की स्वीकृति भी दे दी है. अधिकतर सीएम और 13 दिसंबर की सुबह पहुंचेंगे, लेकिन दो या तीन सीएम एक दिन पहले यानी 12 दिसंबर की रात को ही बनारस पहुंच जाएंगे. सभी सीएम दो दिन रुकेंगे, जो 13 दिसंबर को कारिडोर के लोकार्पण व 14 दिसंबर को मुख्यमंत्री सम्मेलन में भाग लेंगे.
दुल्हन की तरह संजेंगे सभी शिव मंदिर
कहा जाता है कि बनारस के कण-कण में शिव का वास है. यही वजह है कि श्री काशी विश्वनाथ के अलावा काशी में कई शिवलिंग हैं, जिनकी महत्ता पुराणों में भी दर्ज है, जिसमें प्रमुख रूप से केदारेश्वर, जागेश्वर, मध्यमेश्वर, महामृत्युंजय, तिलभांडेश्वर, रत्नेश्वर, मारकंडेय, शूलटंकेश्वर, तिलोचन, रामेश्वर आदि शिव मंदिर शामिल हैं. वाराणसी आने वाले सभी मुख्यमंत्रियों को करीब 51 शिव मंदिरों में दर्शन-पूजन कराया जाएगा. लोकार्पण के दिन इन मंदिरों को भी विशेष रूप से संजाया जाएगा.
गंगा आरती में शामिल होंगे सीएम
एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान को छोड़कर सभी 11 मुख्यमंत्रियों का पहली बार बनारस में आगमन होगा. इसलिए सभी की इच्छा बनारस को करीब से देखने की है. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के बाद शाम को गंगा आरती में शामिल होंगे. इसके अलावा क्रूज से घाटों का अवलोकन, सारनाथ, शहर के प्रमुख मंदिर, मठ व संत कबीर-रविदास के जन्मस्थल लहरतारा पर भी जाएंगे.