हापुड़ से मूलशंकर की रिपोर्ट
फिल्मस्टार सुशांत सिंह राजपूत की मौत के सदमें से नहीं उबर पा रहे लोग। सम्पूर्ण देश में सुशांत की मौत पर तरह तरह के सवाल उठे। किसी ने मौत को हत्या कहा तो किसी ने आत्महत्या। वहीं मौत पर टिप्पणी करने वाले कई फिल्म स्टारों सलमान खान, एकता कपूर आदि पर पुलिस नें मुकदमें भी कायम कराये गये हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ में शनिवार रात्रि सुशांत के फैन 10 वर्षीय मासूम ने सुपर स्टार की मौत के सदमे से क्षुब्ध हो अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली तो शहर में खबर आग की तरह फैल गई।
कोरोना संक्रमण के कारण हाॅट स्पाॅट घोषित पोश कालोनी के मृतक मासूम के घर आने जाने वालों का तांता लगा है। पांचवी के मृतक छात्र के परिवार में कोहराम मचा है तो घर पर सांत्वना देने बालो की भी कमी नहीं है। गमगीन माहौल में रविवार को मासूम के परिजनों ने बगैर पोस्टमार्टम कराये उसका अंतिम संस्कार कर दिया है। परंतु बच्चे की मौत की चर्चा जनपद की गलियों में घर घर है। सभी मां बाप वारदात से चिंतित है और अपने बच्चो को समझााने की कोशिश में लगे है कि कोई भी ना उठाये आत्मघाती कदम। मनोचिकित्सक डा0 विकास सैनी, मनोज राणा का कहना है कि 14 वर्ष की उम्र तक बच्चे जो देखते हैं वहीं करते है।
मां बाप को बच्चों की मनोदशा पर ध्यान देना चाहिए। बच्चे अपने मनपसंद के हीरो की तरह रिएक्ट करते हैं। फैन होने पर हीरो की ड्ैस पहनना व स्टंट करना बच्चो की चाहत होती है। ऐसे में बच्चों को अकेला वीडियो या टीवी न देखने दें। बाॅलीवुड स्टार संुशांत सिंह राजपूत का फैन होना वासु की मौत का कारण माना जा रहा है क्यांेकि वो पिछले कुछ दिनों से सुशांत से जुडी फिल्में व मौत की न्यूज टीवी व मोबाईल में देख रहा था। रेलवे रोड के मौहल्ला पटेल नगर निवासी मृतक के पिता हिमांशु गर्ग नोएडा मे नौकरी करते है। शनिवार शाम वासु के घर पर मां , दादी व बहन मोजूद थे तो वो उपर कमेरे मे खेलने चला गया। रात्रि लगभग 7 बजे पडोस में रहने वाले वासु के चाचा तुषार घर आये तो उसे खोजते उपरी मंजिल पर गये। बंद कमरे का दरवाजा कई बार खटखटाने पर भी नहीं खुला तो मौहल्ले के लोग इकट्ठा हो गये। कमरे का दरवाजा तोडा तो अंदर का दृश्य देखकर वहां चीख पुकार मच गई। वासु का शव खिड़की की चैखट पर दुपट्टे के फंदे से लटका हुआ था। सीओ राजेश कुमार सिंह के साथ सूचना पर एसएचओ सुबोध सक्सेना भी घटना स्थल पर पहुंचे । एसपी संजीव सुमन ने बताया कि परिजनों के इंकार करने पर मासूम का पीएम नहीं किया गया है। डीएम अदीति सिंह का कहना है कि मासूम की मौत समाज के लिए चिंतन का विषय है।