रिपोर्ट-संजय सिंह राणा
चित्रकूट– चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की और से झोलाछापों के धरपकड़ अभियान से बचने के लिए झोलाछापों ने भी नया तरीका निकालकर धड़ल्ले से लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे है। विभाग की ओर से बरती जा रही सख्ती को ठेंगा दिखाते हुए झोलाछाप भी प्रेक्टिस के लिए मेडीकल स्टोर खोलने की आड़ में धडल्ले से इलाज कर रहे है। लोगों ने बताया कि चिकित्सा विभाग की रोक के बावजूद ग्रामीण क्षेत्र के गांवों मे सैकड़ों की तादाद में झोलाछापों ने मेडिकल स्टोर खोलने की आड़ लेकर लोगो का इलाज कर रहे है। बार-बार अधिकारियों को अवगत कराऐ जाने के बाद भी सांठगांठ के खेल के चलते कोई कारवाई नहीं हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में एमबीबीएस चिकित्सकों के नहीं होने के बाद भी झोलाछाप बिना पर्ची के इलाज कर रहे है। तौरा गांव निवासी राम मोहन ने बताया कि दसवीं फैल झोलाछाप किराए पर मेडीकल स्टोर का लाइसेंस ले आए, या तो किसी और का बोर्ड लगाकर सीधे जनता का इलाज करना सुरु कर देते हैं। कुछ तो मेडिकल के नाम पर प्रेक्टिस कर रहे हैं जबकि झोलाछाप अंग्रेजी में लिखी दवाइयों की पर्ची तक नहीं पढ़ पाते है। जानकारी के अनुसार क्षेत्र के तौरा गांव,नादी, बछरन,चौरा,पहाड़ी,वही जिला मुख्यालय के कसहाई रोड, इलाहाबाद रोड, नईदुनिया,तथा सहित आसपास के दर्जनों गांवों में बिना डिग्रीधारी दसवीं फेल मेडीकल स्टोर चला रहे है। वही कोरोना कॉल में इस समय झोलाछाप डॉक्टरों की बल्ले बल्ले है,लोगो को घर से बाहर न जाने के कारण झोलाछाप डॉक्टर लूट मचा रखा है।
इंजेक्शन से लेकर ड्रिप तक चढ़ा रहे हैं
मेडीकल स्टोर पर संचालक केवल चिकित्सक की पर्ची से ही दवाइयां दे सकते है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र जिला मुख्यालय में संचालित मेडिकल स्टोर संचालक बिना पर्ची दवाइयां ही नहीं बेच रहे बल्कि लोगों के इंजेक्श्न से लेकर ड्रिप तक चढ़ाकर लोगों को इलाज के नाम पर दोनों हाथों से लूट रहे है।