आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
बांदा । बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश में कार्यरत शिक्षक शिक्षिकाओं ने कोविड 19 कोरोना काल में जंहा विद्यालय तो खुले पर छात्र छात्राओं से विहीन रहा । ऐसे में शिक्षक कितना विभागीय कार्य को अंजाम दे।शेष खाली समय का सदुपयोग करें तो कैसे करें।तो इसका बड़ा सुन्दर रास्ता निकाला प्रमोद दिक्षित मलय ने उन्होंने शैक्षिक संवाद मंच का गठन किया जिसमें सभी शिक्षाविदों को एक मंच पे लाकर खड़ा कर लिया और हाशिए पे धूप की रचना की।इस हाशिए पे धूप में डाक्टर आलोक कुमार तिवारी यायावर ने पूस की सांझ ,ख्वाहिश, तृष्णा शीर्षक नाम से कविताएं लिखी तो आरती शाहू ने कभी न करती कट्टी मां, आया बंसन्त छाया बंसन्त,प्रभात, ज्ञान का दीप, कविता की रचना की जबकी अनुराग कुमार मिश्र ने हिंदी पर गर्व करते हुए हिंदी हमारा अभिमान है,हम गुनहगार है, इंसान जल रहा है नामक कविता में अपने मनके भाओं को लेखनी के माध्यम से धरातल पर उतारा, वहीं आकिब जावेद ने अपनी लेखनी को धार देते हुए आंशियों में बदल रहा हूं,दिल में तेरा ठिकाना कर लिया,इक कसम फिर नई खाई जाये,ख्वाब की दहलीज पे तन्हा अभी अकेले थे,दिल पे तुम अब मेरे रहते क्या हुआ,की रचना की तो अर्चना सिंह ने गंगा मइया की पीणा को साझा करते हुए गंगा का आग्रह नामक कविता लिखी व अरूण कुमार यादव जौनपुर निवासी ने हाशिए पर धूप, की कविता में लिखा भाग रही है जिंदगी थमे सहमे अब लोग विकृत हुआ समाज यह गुणों में लगा रोग भूले रीति संस्कार सब बिगड रहा है स्वरूप हाशिए पर अब धूप है अब हाशिए पर धूप,एक बार लीजे अवतार प्रभू तो दुर्गेश्वर ,जमीला खातून, मनोज अहसास, मीनाक्षी मधुरक्षी,श्री मती नैमिष शर्मा,नीलू चोपड़ा,नीतेश सिंह,प्रभात त्रिपाठी गोरखपुरी,प्रदीप तेवतिया, प्रमोद दीक्षित मलय, प्रियंका विक्रम सिंह,संत कुमार दीक्षित,शानू दीक्षित,शीलचन्द्र जैन शास्त्री,शरद चौहान शरद, डाक्टर विभा शुक्ला, अमिता शुक्ला, रीता गुप्ता,आशिया फारूकी,श्रेया द्विवेदी, प्रीति श्रीवास्तव ने अपनी अपनी कविताओं को जो एक शिक्षक के मनके भाओं को लेखनी के माध्यम से इस हाशिए पर धूप नामक संस्करण में उतारा।व शैक्षिक संवाद मंच के प्रयासों को साकार रूप दिया। प्रदेश के विभिन्न जनपदों के इन शिक्षाविदों ने वास्तव में दिखा दिया कि उनके विद्यालयों में छात्र छात्राओं की उपस्थिति भले नहीं है किन्तु वह अपने बिचार अपने छात्र छात्राओं तक कविता के माध्यम से पहुंचाएंगे जो उन्हें प्रेरणा देंगे।