अर्पित श्रीवास्तव की रिपोर्ट
बांदा । ओरन कस्बा में आज बड़ी धूमधाम से भगवान शलिकग्राम की शादी तुलसी माता के की गई वहीं पौराणिक कथा के अनुसार तुलसी का एक नाम वृंदा भी है। वृंदा का विवाह राक्षस कुल में हुआ। भगवान विष्णु ने तुलसी जी के राक्षस पति जलंधर का वध कर दिया था। इससे क्रोधित होकर वृंदा ने भगवान विष्णु को शाप दे दिया जिससे भगवान विष्णु पत्थर के बन गए। तब शाप से मुक्ति पाने के लिए भगवान विष्णु ने शालिग्राम का अवतार लेकर तुलसी संग विवाह किया था। तभी से हर वर्ष देवोत्थान एकादशी पर भगवान शालिग्राम और तुलसी का विवाह किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि मां लक्ष्मी का अवतार माता तुलसी का शलिक ग्राम भगवान के साथ विवाह होता ।
वही आज तुलसी वा शलिकग्राम की बारात ओरन के ही महन्त चुनकु त्रिपाठी वा श्रीरिष त्रिपाठी,वा बिबेक व्दिबेदी वा, शिवम् व्दिबेदी ,बरातीर के यहां से से दुल्हे राजा भगवान शलिकग्राम की बरात को पूरे गाजे बाजे ढोल नगाड़ों वा घोड़ा पालकी के साथ एवम आतिश बाजी के साथ भव्य तरीके से सज-धज कर बरात को लेकर मां तुलसी के घर तिलहर माता के मंदिर में गई, जहा पर नगर की महिलाओं ने मंगल गीत गाकर व्दारचार वा अन्य शादी की रस्में पूरी कर वा मां तुलसी का विवाह कार्यक्रम सम्पन्न किया गया।