अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट
बलरामपुर। कोरोना संक्रमण के कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन में दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी कामगारों सहित छात्र एवं अन्य लोग अब अपने-अपने जिले में लगातार वापस आ रहे हैं। इन्हें सुरक्षित अपने घर पहुँचाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों ने कई स्तर पर व्यवस्थाएं की हैं जिसमें स्पेशल ट्रेन सहित अपने राज्य में पहुँचने पर क्वारंटाइन की सुविधा शामिल हैं, लेकिन संक्रमण को फैलने से रोकने की भी चुनौती कम नहीं हैं। इसे ध्यान में रखते हुए यूनिसेफ, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने संयुक्त रूप से गाइडलाइन जारी की है, जिसमें प्रवासी कामगारों के घर वापसी पर प्रबंधन प्रोटोकॉल, प्रवासी कामगारों के लिए होम क्वारंटाइन के दौरान जरुरी सावधानियां एवं कोरोना से बचाव को लेकर विशेष वर्गों के लोगों के लिए सावधानी इत्यादि के विषय में विस्तार से जानकारी दी गयी है।
रोजी रोटी की तलाश में सपनो के शहर गये प्रवासी मजदूर महानगरों से अपने घरों की ओर पलायन कर रहे है। लेकिन इसके लिए उन्हें जोखिम उठाना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है नेपाली नागरिकों का, जो दो जून की रोटी कमाने के लिए महाराष्ट्र में कार्यरत थे। मगर लॉकडाउन में काम बंद होने के कारण अपने घर वापस लौटन के लिए मजबूर हो गए। हालांकि, इनकी यात्रा इतनी आसान नहीं रही। घर तक पहुंचने के लिए इन्हें अपनी मोबाइल बेचकर 1200 किलोमीटर लंबी यात्रा का रास्ता तय करना पड़ा।
नेपाल के रुपनदेई जिले के विश्नापुर गांव के रहने वाले गोविन्द और विष्णु सात वर्षो से महाराष्ट्र के भिवन्डी में पावरलूम चलाते हैं। लॉकडाउन के पहले चरण में दोनों ने किसी तरह बचे हुए पैसों से अपना भरण पोषण किया। इस उम्मीद में कि 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन खत्म हो जाएगा, ये अपने घर नहीं गए। लेकिन बाद में लॉकडाउन बढ़ने और आमदनी न होने पर इनके राशन पानी का संकट गहराने लगा। नेपाल राष्ट्र के होने के कारण इनके पास आधार कार्ड भी नहीं। जब पेट भरने की आशा धूमिल हुई तो अपना मोबाइल बेचकर दोनों ने करीब 1200 किलोमीटर की लंबी यात्रा की राह पकड़ी।
कोरोना कैरियर समझकर नहीं दी चाय
गोविंद और विष्णु ने भविन्डी से नासिक तक करीब 130 किलोमीटर की पदयात्रा की फिर नासिक से लखनऊ तक एक ट्रक से पहुंचे। गोण्डा से बलरामपुर तक फिर पैदल चलना पडा। रास्ते में पैसे देने पर भी दुकानदारों ने चाय नहीं दी क्योंकि इन लोगों को कोरोना कैरियर्स के रुप में देखा जा रहा था। चीनी खरीदकर नीबू का शरबत बनाकर पीते हुए दोनों अपने जिले की सीमा तक पहुंचे। जिले की सीमा पर समाजसेवियों ने इन्हें भरपेट भोजन कराया।
प्रवासी कामगारों के घर वापसी पर बनाये गए प्रबंधन प्रोटोकॉल
प्रवासी कामगारों के घर वापसी पर कुछ प्रबंधन प्रोटोकॉल बनाये गए हैं, जिसमें बाहर से घर लौटने पर सभी प्रवासियों का जिला प्रशासन द्वारा पंजीकरण एवं स्क्रीनिंग की जानी है। जिन प्रवासियों में कोविड-19 के लक्षण मिलेंगे उन्हें कुछ तय प्रोटोकॉल के अनुपालन करने होंगे। जबकि जिन प्रवासियों में कोविड-19 के लक्षण नहीं भी मिलते हैं, उन्हें भी कुछ सावधानियों का अनुपालन करना अनिवार्य होगा।
कोविड-19 के लक्षण पाए जाने पर
जिला प्रशासन द्वारा द्वारा ऐसे प्रवासियों को सरकार द्वारा क्वारंटाइन फैसिलिटी में रखा जाएगा। प्रबंधित क्वारंटाइन फैसिलिटी में कोविड-19 की जांच होगी। जांच में संक्रमण पाए जाने पर अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। जांच में संक्रमण नहीं पाए जाने पर 7 दिन क्वारंटाइन में रख दोबारा जांच की जाएगी। 7 दिन के बाद संक्रमण न होने पर उसे घर भेज दिया जाएगा। जहाँ उसे खुद 14 दिन होम क्वारंटाइन में रहना होगा।
कोविड-19 के लक्षण नहीं होने पर
ऐसे में प्रवासी को जिला प्रशासन द्वारा क्वारंटाइन सेंटर में भेजा जा रहा है। वहां 14 दिन क्वारंटाइन रहने के बाद घर भेजा जाएगा। जिसके बाद घर में खुद को 7 दिन होम क्वारंटाइन में रहना होगा। होम क्वारंटाइन के दौरान यदि खांसी, बुखार या सांस लेने में कोई कठिनाई जैसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत आशा या सरकार की हेल्पलाइन नंबर ( 1800-180-5145) पर संपर्क करने की सलाह दी गयी है।
होम क्वारंटाइन में प्रवासी बरतें सावधानियाँ
होम क्वारंटाइन में प्रवासी सावधानी बरतकर संक्रमण प्रसार को रोक सकते हैं। इसके लिए जरुरी जानकारी दी गयी है। घर पहुंचते ही 7 दिन होम क्वारंटाइन में रहें। इस दौरान अलग कमरे में ही रहें। क्वारंटाइन में रहते हुए अनिवार्य रूप से मास्क/गमछा/ दुपट्टे से मुँह एवं नाक को ढँक कर रखें। मास्क/गमछा/दुपट्टे को साबुन एवं गर्म पानी से धोकर धूप में सुखाएं। सिर्फ एक बार के उपयोग के लिए बने मास्क का दोबारा इस्तेमाल न करें। हाथों को साफ पानी एवं साबुन से बार-बार धोते रहें। किसी से भी हाथ मिलाने से परहेज करें। घर का सामान जैसे बर्तन, पानी का ग्लास, बिस्तर, तौलिया या अन्य उपयोग की जाने वाली चीजों को घर के दूसरे सदस्य के साथ साझा न करें। संक्रमित व्यक्ति के लिए अलग से थाली रखें एवं इसे अलग से गर्म पानी से अच्छी तरह धोएं। अपने मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु एप्प का उपयोग करें। किसी भी अन्य व्यक्ति का प्रवेश अपने घर में नहीं होने दें। आपको या आपके परिवार के किसी भी सदस्य में यदि कोविड-19 के लक्षण दिखाई देते हैं तो इसकी सूचना आशा को तत्काल दें। आपके घर से केवल एक व्यक्ति ही जरुरी सामानों की खरीदारी के लिए घर से बाहर जाए। घर से निकलते समय मास्क/गमछा/दुपट्टा का प्रयोग करें एवं वापस लौटने पर हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं।