शशांक तिवारी की रिपोर्ट
लखनऊ। मॉर्निंग वॉक पर निकले बागगपत के भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष संजय खोखर की अज्ञात बदमाशों ने गाेली मारकर हत्या कर दी। हमलावराें ने उन्हे घेरकर कई गाेलियां चलाई। तीन गाेलियां लगनें से उनकी माैके पर ही माैत हो गई। गाेलियाें की आवाज सुनकर लाेग इकट्ठा हाे गए। दिन निकलते ही बीजेपी नेता की हत्या की वारदात से पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पूरे जिले में नाकाबंदी की गई लेकिन हमलारों का काेई सुराग नहीं लगा।
छपराैली थाना क्षेत्र के तिलवाड़ा मार्ग पर बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष संजय खाेखर सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। जंगलों में उन्हे बदमाशों ने घेर लिया और गाेलियों से भून दिया। भाजपा के वर्तमान जिलाध्यक्ष सूरजपाल गुर्जर ने घटना से पार्टी हाईकमान को अवगत कराया। घटना पर दु:ख व्यक्त करते हुए सीएम याेगी आदित्यनाथ ने संजय खोखर की माैत पर दु:ख और परिजनाें के प्रति सांत्वना प्रकट करते हुए अफसरों से पूरी घटना की रिपाेर्ट मांग ली है।
एसपी अजय कुमार सिंह से मिली जानकारी के अऩुसार हमलावरों ने पूर्व जिलाध्यक्ष की पीठ, कनपटी व सीने में तमंचे से गोली मारी है। घटनास्थल से एक 315 का जिंदा कारतूस भी मिला है। पुलिस हत्यारों की तलाश में जुटी हुई है लेकिन वारदात के कई घंटों बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। पुलिस इस मामले में पुरानी रंजिश और राजनीतिक मामलों की भी जानकारी ले रही है। पुलिस संजय खोखर के माेबाइल फोन से भी हत्या की वारदात के पीछे के कुछ सुराग तलाशने की काेशिश में लगी है।
संजय खाेखर के पुत्र अक्षय ने बताया कि दो दिन पूर्व उनके पिता जब मॉनिंग वॉक से लौट रहे थे तो एक गाड़ी को उन्हाेंने अपने खेत के पास खड़ा पाया था। इसके बाद वह खेतों के रास्ते घर लौटे थे। यानी हमलावर कई दिनाें से इस घटना काे अंजााम देने की फिराक में थे। अक्षय ने बताया कि उन्हाेंने घर आकर यह पूरी घटना बताई थी । अक्षय ने पुलिस काे यह भी जानकारी दी है कि, कई माह पूर्व उनका क्षेत्र के कुछ युवकों से विवाद हो गया था। इसी विवाद काे चलते अक्षय ने चार युवकों पर अपने पिता की हत्या करने का शक भी जाहिर किया है। फिलहाल पुलिस इन सभी लाइनाें पर काम कर रही है।
संजय खोखर करीब तीन साल भाजपा जिलाध्यक्ष रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव से पूर्व उन्हें जिलाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। पूर्व जिलाध्यक्ष ने उस समय सांसद डा. सत्यपाल सिंह को दोबारा टिकट दिए जाने का विरोध भी किया था। सांसद विरोधी खेमे में शामिल होने के चलते उन्हें पद से हटाया गया था। संजय खोखर बड़ौत में छात्र राजनीति से सक्रिय रहे। छात्र राजनीति के बाद संजय खोखर ककौर में स्थित पूर्व माध्यमिक स्कूल में अध्यापक के पद पर तैनात हुए और फिर राजनीति में आ गए।