अमर नाथ की रिपोर्ट
आयोध्या– चीन की हरकतों से किस तरह भारत का आम आदमी नाराज़ है इसकी बानगी हर बार त्योहारों पर देखने को मिलती है जब बाज़ार में चीन के सामानों के ख़िलाफ़ लहर चलती है. लेकिन इस बार की होली पर ये बहिष्कार अपने चरम पर देखा जा रहा है. कोरोना संकट के चलते इस बार होली पर व्यापारियों की हालत पस्त है, लेकिन बावजूद इसके बाज़ार में चीनी माल काफ़ी कम दिख रहा है। देश के सबसे बड़े बाज़ारों में शुमार दिल्ली के सदर बाज़ार में इस बार रंगों की दुकानें संख्या में काफ़ी कम हैं।दुकानों पर ग्राहकों की संख्या भी सीमित है। बाज़ार में चाईना की पिचकारी और रंग सिरे से ग़ायब हैं।कुछ दुकानदार पिछले साल के बचे हुए चाइनीज़ सामानों को ज़रूर बेंच रहे हैं।
चीन के ख़िलाफ़ दुकानदारों में नाराज़गी बरकरार
सदर बाज़ार में होली का सामान बेंच रहे एक दुकानदार पवन ने कहा कि, “20% काम बचा है इस बार करोना के कारण, लेकिन हम लोगों से यही चाहते हैं कि घर से बहुत एहतियात के साथ निकलें।चीन के माल को हमनें मना कर दिया। नुक़सान होता है लेकिन पब्लिक को आदत पड़ जाएगी।अब तो इंडिया का ही माल बेचेंगे। इससे अपना इंडिया तरक़्क़ी करेगा. बहरहाल काम नहीं है.” सदर बाज़ार के ही पान मंडी इलाक़े के दुकानदार रविंदर सिंह ने कहा, “40-50% सेल घट गई है। पब्लिक इस बार बाज़ार में नहीं आ रही।
चीन को बीते दस महीनों में 80 हज़ार करोड़ की चपत
हर साल चाइना से 10 हज़ार करोड़ का होली से सम्बंधित सामान आता था. इसमें रंग, अबीर, गुलाल, प्लास्टिक की पिचकारी आदि होते थे। लेकिन इस बार होली पर व्यापारियों के राष्ट्रीय संघ ने चीन के सामानों का पूर्ण बहिष्कार कर दिया है. कनफ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स एसोशिएशन के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बताया, “हमने चाइना के ख़िलाफ़ अभियान चला रखा है जिसके कारण इस बार होली से सम्बंधित एक भी सामान चाइना से इंपोर्ट नहीं हुआ है. 10 जून 2020 से अब तक बहिष्कार के कारण 80 हज़ार करोड़ की चपत चीन को लग चुकी है।हालांकि कोरोना के कारण इस बार होली की रौनक़ बाज़ार में न के बराबर है.”।