अयोध्या-राम मंदिर निर्माण के लिए गठित ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ के सदस्यों ने शनिवार को अयोध्या में बैठक की। इस बैठक में ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय, सदस्य विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र और डा. अनिल मिश्र, अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज झा मौजूद रहे। बैठक के बाद ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बातचीत में कहा कि राम नवमी के दिन (दो अप्रैल) से मंदिर निर्माण का कार्य शुरू करना संभव नहीं है। राम नवमी के दिन करीब 20 लाख श्रद्धालु अयोध्या में होंगे। उनकी सुरक्षा प्रमुख है। उन्होंने उम्मीद जताई कि राम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आएंगे। चंपत राय ने बताया कि पत्थरों को जन्मभूमि तक पहुंचाने के लिए ऊबड़-खाबड़ रास्तों का समतलीकरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भारतीय स्टेट बैंक में रामलला का बैंक अकाउंट खोला जाएगा। रामभक्त इसी अकाउंट में दान का पैसा जमा करा सकेंगे। इस बैठक में राम मंदिर निर्माण के लिए दान प्राप्ति की समुचित व्यवस्था पर चर्चा की गई। चंपत राय ने बताया कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से रामलला को गर्भगृह से शिफ्ट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राम मंदिर निर्माण के दौरान जिस स्थान पर रामलला विराजेंगे, वहां ऐसी व्यवस्था होगी कि दर्शनार्थी नजदीक से दर्शन कर पाएंगे और उन्हें कम चलना भी पड़ेगा। चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के दौरान रामलला तिरपाल में नहीं रहेंगे। एक अस्थायी मंदिर बनाकर रामलला को उसी में रखा जाएगा। एक बार राम मंदिर का निर्माण संपन्न होने के बाद रामलला को हमेशा के लिए उसके गर्भगृह में स्थापित कर दिया जाएगा। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपा नंद सरस्वती पर कटाक्ष करते हुए चंपत राय ने कहा कि वह सोने का नहीं हीरे का मंदिर बनवाएं। सोना उनके लिए क्या। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने विहिप के राम मंदिर आंदोलन का कभी समर्थन नही किया, हमेशा विरोध किया।
अपने पद पर बने रहेंगे मुख्य पुजारी सतेंद्र दास
चंपत राय ने कहा कि रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास को उनके पद से हटाया नहीं जाएगा। उन्होंने कहा सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़ा के लिए जो निर्देश दिए थे उसे पूरा किया गया। कोर्ट ने जो निर्देश नहीं दिए उसे पूरा नहीं किया जाएगा। बता दें कि निर्मोही अखाड़ा ने रामलला की पूजा का अधिकार मांगा था और राम मंदिर ट्रस्ट को इस संबंध में एक पत्र भी सौंपा था। चंपत राय बताया कि सदस्यों ने रामलला जन्म स्थल का निरीक्षण किय। राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों को किस रास्ते से राम जन्मभूमि तक पहुंचाया जाएगा इसका निरीक्षण किया।