अमर नाथ की रिपोर्ट
अयोध्या-कृषि विश्वविद्यालय किसानों का तीर्थ स्थल है, जो छात्रों तथा किसानों के लिए ही जाना जाता है। पहले छात्रों के बारे में सोचें। क्योंकि वही देश के भविष्य हैं। इसके बाद किसानों का नंबर आता है। ईमानदारी केवल लगनी ही नहीं चाहिए बल्कि दिखाई भी पढ़नी चाहिए। बच्चों की प्रतिभा को निखारने के लिए मैं पूरी तरह से दृढ़ संकल्प हूं। सभी साथी बच्चों को शिक्षित एवं दीक्षित करने में पूरा सहयोग दें। साथ ही साथ खेलकूद को भी प्राथमिकता दें। तभी उनका सर्वांगीण विकास होगा अच्छी जगह बैठने पर अच्छी सोच होती है सकारात्मक सोच पर ही आगे बढ़ा जा सकता है। यह बातें आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज कुलपति डॉ विजेंद्र सिंह ने विश्वविद्यालय कर्मियों की ओर से आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कही।
आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज के कुलपति डॉ विजेंद्र सिंह के 1 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार डॉक्टर ए पी राव की अध्यक्षता में गठित आयोजन समिति द्वारा सम्मान समारोह कार्यक्रम आयोजित किया गया। विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में आयोजित सम्मान समारोह का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति ने आचार्य नरेंद्र देव की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि के साथ किया कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद कुलपति की धर्मपत्नी श्रीमती मीना सिंह ने आचार्य नरेंद्र देव की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित किया। आयोजन समिति की ओर से कुलपति एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सिंह को स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति श्री सिंह ने कहा कि मेरा पूरा प्रयास है कि आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय समूचे देश में अग्रणी विश्वविद्यालय हो बीता वर्ष उपलब्धियों भरा रहा है। किंतु मेरा प्रयास है कि आने वाला वर्ष कृषि विश्वविद्यालय कर्मियों की समस्याओं के निराकरण का वर्ष होगा क्योंकि जब विश्वविद्यालय कर्मी खुशहाल होंगे तभी विश्वविद्यालय आगे बढ़ेगा। शिक्षा के साथ-साथ शोध एवं प्रकार के कार्यों को लेकर पदों को भी बढ़ाए जाने पर पूरा प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने मौजूद शिक्षकों का आह्वान करते हुए कहा कि बच्चों को ऐसी शिक्षा दें कि समूचे हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा फेलोशिप राष्ट्रीय स्तर इसी विश्वविद्यालय के बच्चों को प्राप्त हो। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में जल्दी ही टेक्नोलॉजी फार्म स्थापित होगा और कहा कि प्रत्येक कृषि फार्म की बाउंड्री वॉल निर्मित कराई जाएगी। कुलपति श्री सिंह ने कहा कि बीज उत्पादन में अभी हमारा विश्वविद्यालय बहुत पीछे है इसके लिए भी हमें पूरी मेहनत और लगन से काम करना होगा इसके साथ ही साथ मेरा प्रयास है कि इस विश्वविद्यालय में गरीब बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ जमीन तालाब सहित अन्य संसाधन उपलब्ध कराकर उन्हें स्वावलंबी बनाया जाए। क्योंकि पढ़ाई के साथ-साथ कमाई भी बहुत जरूरी है। उन्होंने अपने सफलतम 1 वर्ष के कार्यकाल पर कार्यक्रम में मौजूद सभी विश्वविद्यालय कर्मियों अधिकारियों अधिष्ठाताओं का अपार सहयोग मानते हुए उन्हें धन्यवाद तथा बधाई दी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार डॉ ए पी राव ने कहा कि वर्तमान कुलपति जी के मेहनत और प्रयास का परिणाम है कि प्रसार निदेशालय को केवीके बजट हेतु पहले ज्यादा से ज्यादा 20 करोड़ ही प्राप्त होता था किंतु अब वही बजट 20 करोड़ से बढ़कर सौ करोड़ से अधिक प्राप्त हो रहा है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर के सौंदर्यीकरण में कुलपति का विशेष योगदान रहा है शिक्षा शोध व प्रसार के मामले में विश्वविद्यालय को वित्तीय संसाधन कुलपति के विशेष प्रयास से प्राप्त हो रहा है। उन्होंने बताया कि इनके मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय द्वारा अभी चंद दिन पूर्व मटर, चना, गेहूं और धान की नई प्रजातियां विकसित की गई है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के निदेशक प्रशासन एवं परवीक्षण डॉ आरके जोशी ने कुलपति के कार्यकाल में हुई विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को एक-एक करके गिनाया। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ पी के सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय की दुर्गति को कुलपति ने दूर करने का काम करते हुए विश्वविद्यालय को अनंत ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। समारोह को डॉ बी एन राय, विश्वविद्यालय मीडिया प्रभारी डॉ अखिलेश कुमार सिंह, डॉ डी नियोगी, डॉ हरनाम सिंह, डॉ नमिता जोशी, डॉ अरविंद सिंह, डॉ ओ पी राव डॉ अशोक कुमार एवं डॉ शंभू ने भी संबोधित करते हुए कुलपति के कार्यकाल में विश्वविद्यालय में प्राप्त उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन करते हुए कुलपति के निजी सचिव डॉ जसवंत सिंह ने कुलपति के 1 वर्ष के सफलतम कार्यकाल पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम के अंत में डॉ एस के वर्मा धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर प्रमुख रूप से डॉ रमेश प्रताप सिंह, डॉ उमेश चंद्रा, डॉ सुशांत श्रीवास्तव, डॉ एस पी सिंह, डॉ समीर कुमार, डॉ पंकज सिंह, के डी सिंह, डॉ शकील खान, डॉ प्रतिभा सिंह, डॉ आभा सिंह, डॉ सुमन प्रसाद मौर्य, डॉ रूमा देवी सहित विश्वविद्यालय के समस्त अधिष्ठाता प्रशासनिक अधिकारी एवं विश्वविद्यालय कर्मी मौजूद रहे।