आदित्य प्रताप सिंह राव की रिपोर्ट
लखनऊ –राजधानी के बीकेटी के ग्राम पंचायत महिंगवां में गुरुवार 23 सितंबर को गौशाला ने मौके पर भूसा चारा की व्यवस्था और ना तो दवाई की व्यवस्था होने के कारण तड़प तड़प कर मर रहे बेजुबान ओं को स्थानीय पत्रकारों ने मौके पर जाकर देखा के पशु डॉक्टर तो इलाज के नाम पर खिलवाड़ करते दिखाई दे रहे हैं केवल खानापूर्ति करते नजर आ रहे हैं। वही अगल बगल के ग्रामीणों सूत्रों से कुछ जानकारियां मिली की ग्रामीण जवाब ग्रामीणों का यही मिलता है कि यहां तो हरे चारे की न तो व्यवस्था न चुनी चोकर सड़ा गला कीड़े युक्त गन्ने की पाती का चारा काटकर लाया जा रहा है। वहीं जानवरों को परोसा जा रहा है। जिससे खाकर जानवर होते हैं बीमार वहां पर किसी के मौजूद न होने के कारण उन्हें कौवे नोचते हुए दिखाई पड़ते है गौशाला के अंदर गायें सडतीं हुई दिखाई पड़ी। अभी हाल ही में कुछ दिन पूर्व 15 गायें मौत के मुंह में चली गई। डॉक्टरों ने बड़ी ही लापरवाही की जिसके कारण मौत हो गई थी। वही पुनः चार दिन पूर्व 5 गए फिर मरी कुछ गाय तो तड़पती हुई नजर आई लेकिन डॉक्टर मौजूद नहीं मिले। मौके पर पशु डॉक्टर मौर्य, सुरेश कुमार आदि को कई बार फोन लगाकर तड़प तड़प कर बेजुबान पशु मर रहे गौशालाओं में इनकी जानकारी स्थानीय मीडिया कर्मियों ने पशु डॉक्टर को कई बार फोन कर बताना चाहा लेकिन स्थानीय डॉक्टरों के फोन स्विच बंद ही बता रहे थे। फिर कौन सुनेगा बेजुबान पशुओं के दर्द की आवाज। कई पशुओं को देखा कि पैरों में कहीं पेट में कहीं गर्दन पर खून बह रहा है उन पर मरहम भी लगाया नहीं जाता है। कुछ जानवर सुवंशीपुर, कुम्भरावां, इंन्दारा,पहाड़ पुर,राजागढा,भगौती पुर, गौशालाओं में ऐसे दिखे की बहुत ही कमजोर चलने फिरने में असमर्थ दिखाई दिए, पशु डॉक्टरों ने उन बेजुबान पशुओं को ताकत के इंजेक्शन भी नहीं लगाए जा रहे हैं। इससे यह प्रतीत हो रहा है कि कहीं ना कहीं पशुओं के ताकत वाले इंजेक्शन बाहर सप्लाई तो नहीं किए जा रहे हैं। महिंगवां गौशाला में मौजूद पशु डॉक्टर मौर्या से जब इस बारे में जानकारी ली गई तो डॉक्टर मौर्या ने बताया कि पर्याप्त मात्रा में चारा, भूसा, हरा चारा, पौष्टिक आहार न मिलने के कारण जानवर भुखमरी के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है। यहां के जानवर भुखमरी के शिकार हैं इसी वजह से कमजोरी के कारण यह चलने उतने में असमर्थ हैं। वही गौशालाओं के अंदर जानवरों के लिए पानी पीने के लिए बने तालाबों को कायदे से रोज साफ कर पानी नहीं दिया जा रहा है। कई दिनों का भरा हुआ पानी जानवर पानी पीने का काम कर रहे हैं। ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी द्वारा जो कर्मचारी लगाए गए हैं गौशालाओं में साफ-सफाई रखने के लिए वह सिर्फ इधर उधर टहल कर अपनी दिहाड़ी मजदूरी लेने में मस्त दिखाई दिए हैं। मौके पर भूसा, हरे चारे, कि आदि व्यवस्था कहीं दूर दूर तक दिखाई नहीं पड़ी स्थानीय पत्रकारों के कवरेज करने के दौरान पहुंचने पर आनन-फानन में भूसे की व्यवस्था कराई गई। इस विषय में तत्काल एडीओ पंचायत से वार्ता की गई तो उन्होंने यह बताया कि हमें जानकारी नहीं है। अभी ग्राम विकास अधिकारी से जानकारी लेकर आपको अवगत कराते हैं। लेकिन घंटो बीत जाने के उपरांत भी एडीओ पंचायत ने स्थानीय मीडिया कर्मियों को सूचना देने में टालमटोल करते साबित हुए है।
जब इस तरह प्रशासनिक अधिकारी ही टालमटोल करते साबित हो रहे हैं तो मौके पर जो बेजुबान गायें मर रही हैं गौशाला के अंदर प्रशासनिक अधिकारी जिम्मेदार कौन हो सकता है। इन बेजुबानों की मौतों का जो खेल खेला जा रहा है गौशालाओं में अधिकारी मौके पर जाकर जांच पड़ताल खानापूर्ति कर फाईलों को पास कर रूपये निकला देते हैं हर महीने का अधिकारी सिर्फ रस्म अदायगी करते हैं। कार्रवाई न तो ग्राम विकास अधिकारी पर न प्रधान पर न प्रशासनिक अमले पर होती है इससे किसानों ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। किसान सभा के रामदेव तिवारी व भारतीय किसान यूनियन महिला प्रकोष्ठ की बबली गौतम, गरीब जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र रावत ने बताया कि क्षेत्र का प्रशासनिक अमला पूरी की पूरी तरह से बौना साबित होता दिखाई दे रहा है। इसीलिए महिंगवां गौशाला में मरे हुए जानवरों बेजुबानों कि कोई सुध लेने वाला नहीं है। कि कैसे बेजुबान जानवर मरे चारे, भूसे, स्वास्थ्य के लिए डॉक्टरों को तैनात कर रखी है। सरकार बेजुबानों के लिए सरकार ने डॉक्टरों को दवाइयां भी उपलब्ध करा रही है । चारा, भूसा, आदि का रुपया भी दे रही है सरकार, फिर कौन कर रहा है बेजुबानों से खिलवाड़।
कौन करेगा भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई यह तो आने वाला समय ही बताएगा की भ्रष्टाचारी प्रधान, भ्रष्टाचारी ग्राम विकास अधिकारीयों पर होगी कार्रवाई बेजुबानों के दिल से निकलती होगी दर्द भरी आह कि कोई तो मसीहा आएगा जो मेरे दर्द की आवाज को सुनेगा। और करेगा कठोर कार्रवाई ताकि कोई भी प्रधान अधिकारी बेजुबानों के चारे भूसे इत्यादि की चोरी न कर सके।