उत्तर प्रदेश (Uttara Pradesh) में दक्षिण पश्चिमी मानसून (Monsoon) की अति सक्रियता के कारण पिछले करीब एक पखवाड़े के दौरान हुई व्यापक वर्षा के चलते प्रदेश की नदियां उफान पर बह रही हैं और राज्य के 10 जिलों के 396 गांव बाढ़ से प्रभावित भी हुए हैं।
गत 24 घंटे के दौरान राज्य में वर्षाजनित हादसों में सात लोगों की मौत भी हुई है।
राहत आयुक्त कार्यालय से मिली रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के 10 जिलों अलीगढ़, बिजनौर, फर्रुखाबाद, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मथुरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और शामली के कुल 396 गांवों के 38,378 लोग बाढ़ से काफी प्रभावित भी हुए हैं। बाढ़ प्रभावित जिलों के 7,913 लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है और रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटे के दौरान प्रदेश में वर्षाजनित हादसों में सात लोगों की मौत भी हुई और इनमें गाजीपुर एवं कानपुर देहात में दो-दो और जालौन, फर्रुखाबाद, इटावा में एक-एक व्यक्ति की मौत इसमें शामिल है।
गंगा, यमुना समेत कई नदियां उफान पर
रिपोर्ट के अनुसार गंगा नदी, कचला ब्रिज (बदायूं) में और यमुना नदी प्रयाग घाट (मथुरा) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। और इसके अलावा गंगा नदी का जलस्तर नरौरा (बुलंदशहर) और फर्रुखाबाद में लाल निशान के नजदीक भी पहुंच गया है। रामगंगा मुरादाबाद में और शारदा नदी पलिया कलां (लखीमपुर खीरी) में खतरे के निशान के काफी नजदीक बह रही है। दक्षिण पश्चिमी मानसून अब मुख्य रूप से पश्चिमी हिस्सों में काफी प्रभावी है। पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य के पूर्वी हिस्सों में एक-दो स्थानों तथा पश्चिमी भागों में कुछ जगहों पर बारिश भी हुई है और इस दौरान नवाबगंज, बाराबंकी में सबसे ज्यादा सात सेंटीमीटर वर्षा दर्ज करी गई है। इसके अलावा राठ (हमीरपुर) और सहारनपुर में पांच-पांच सेंटीमीटर, कुलपहाड़ (महोबा) बागपत, औरैया तथा बाराबंकी में चार-चार सेंटीमीटर वर्षा भी दर्ज की गई। अगले 24 घंटों के दौरान राज्य के कुछ स्थानों पर बारिश होने की संभावना बनी हुई है।