बिहार की राजनीति अक्सर बिहार की भौगोलिक सीमाओं से बाहर निकल कर पनपती है। आज कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में विपक्ष का महाजमावड़ा होने जा रहा है और यहां पर तमाम विपक्षी पार्टियों के साथ ही कभी भाजपा की सहयोगी रही JDU भी इसमें शामिल होगी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं आज यानी मंगलवार 18 जुलाई को बेंगलुरू में मौजूद है और इस बीच बेंगलुरू में जगह-जगह उनके बैनर लगे हुए हैं। यह जाहिर है यह बैनर नीतीश कुमार की छवि को धूमिल करने और उन्हें चिढ़ाने के लिए ही लगाए गए हैं। बेंगलुरू में लगे एक पोस्टर में नीतीश कुमार का स्वागत करते हुए बड़े-बड़े शब्दों में SULTANGANJ BRIDGE भी लिखा हुआ है। इसके बाद बैनर में नीचे नीतीश कुमार की फोटो के साथ लिखा है – बिहार को नीतीश कुमार का तोहफा, जो गिरता रहता है… इसके बाद सुल्तानगंज ब्रिज की छतिग्रस्त तस्वीर भी लगाई गई है। साथ ही इस बैनर में विपक्षी एकता के लीडर के तौर पर उनकी क्षमताओं पर भी कई प्रश्न उठाए गए हैं। आपको यह ज्ञात हो कि सुल्तानगंज को खगड़िया (अगुवानी) से जोड़ने वाले निर्माणाधीन अगुवानी-सुल्तानगंज महासेतु का कुछ हिस्सा हाल ही में गंगा नदी में भी समा गया था। रविवार 4 जून 2023 की शाम 6.15 बजे यह निर्माणाधीन ब्रिज अचानक भरभराकर ताश के पत्तों की तरह ढह गया और इस पुल की लागत 1710.77 करोड़ रुपये है। एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी पुल को बना रही थी और इस पुल को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट भी माना जाता है। वहीं इसी पुल का एक हिस्सा पहले भी टूटकर गिर चुका है और इसके पिलर नंबर 4,5,6 के दोनों ओर के 36 स्लैब ध्वस्त हो गए थे।