प्रधान संपादक की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत (Pilibhit) में दूसरे चरण में होने वाले निकाय चुनाव को लेकर चुनावी सरगर्मियां शुरू हो चुकी हैं। यहां 10 नगर निकाय में से तीन नगर पालिकाओं सहित 7 नगर पंचायतों पर अध्यक्ष और 158 वार्ड सभासद पदों के लिए नामांकन प्रकिया भी शुरू हो गई है। पिछली बार की तरह ही भाजपा को इन 10 सीटों पर विजय हासिल करना एक बार फिर से चुनौती बन गया है। इसकी वजह है कि भाजपा संगठन व स्थानीय मंत्री सहित भाजपा सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) टीम के बीच चली आ रही गुटबाजी और इसके चलते विपक्षी पार्टियों व निर्दलीय उम्मीदवारों का रास्ता साफ भी हो सकता है। तो आइये आपको बता दें पीलीभीत नगर निकाय से जुड़ी जरूरी जानकारी। दरअसल, बीते 2017 के निकाय चुनाव में सत्ता पक्ष के होते हुए भी जिले की कुल दो सीटों नगर पालिका पूरनपुर व जहानाबाद नगर पंचायत पर भाजपा को जीत भी हासिल हुई थी। वहीं 2 नगर पालिका सहित 6 नगर पंचायतों में भाजपा की गुटबाजी का फायदा लेते हुए निर्दलीय प्रत्याशियों के साथ सपा, बसपा ने जीत हासिल कर निकाय चुनाव में विजय का परचम लहराकर स्थानीय सरकार भी बनाई थी। इसका ही असर इस बार भी नगर निकाय के चुनाव में देखने को मिलने वाला है। यह कयास लगाए जा रहे हैं कि पीलीभीत नगर निकाय की 10 सीटों पर होने वाले निकाय चुनाव के बीच भाजपा के राज्य मंत्री संजय सिंह गंगवार और जिला अध्यक्ष संजीव प्रताप सिंह सहित फायरब्रांड नेता कहे जाने वाले भाजपा के सांसद वरुण गांधी का प्रभाव पूरी तरह से निकाय चुनाव में भी देखने को मिलेगा और यही वजह है कि इस बार भी निकाय चुनाव में भाजपा की गुटबाजी के बीच विपक्ष और निर्दलीय उम्मीदवार अपना परचम लहराते हुए स्थानीय सरकार भी बना सकते हैं। हालांकि भाजपा के नेता स्थानीय सरकार बनाने का दावा करते हुए पार्टी को पुरजोर तरीके से जीत हासिल कराने की बात भी कर रहे हैं। और इतना ही नहीं भाजपा के नेताओं का यह भी कहना है कि वे भाजपा को सभी 10 सीटों पर चुनाव में जीत हासिल कराने का काम करने वाले हैं।
बीजेपी नेता ने क्या बोला
भाजपा जिला उपाध्यक्ष रेमश सिंह ने बताया है कि, भाजपा लगभग सभी सीटों पर जीत हासिल करेगी और लोगो को सरकार की योजनाओं का लाभ मिला है। पीलीभीत नगर पालिका का चेयरमैन ठीक नहीं था, पिछले 2017 के निकाय चुनाव में भाजपा संगठन मजबूत नहीं था और इस बार संगठन जिलाध्यक्ष संजीव प्रताप सिंह के नेतृत्व में बूथ स्तर पर पन्ना प्रमुख तक तैयारी की है। व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष अनिल महेंद्रू ने यह बताया है कि बीजेपी की राजनिति उनके बंटे गए टिकट पर निर्भर करती है। साथ ही बीजेपी और सपा में नौ नौ उम्मीदवार हैं और एक उम्मीदवार को टिकट मिलने के बाद बागी हुए उम्मीदवार की नाराजगी का नतीजा भी भुगतना पड़ेगा। पिछले 5 सालों में नगर पालिका अध्यक्ष ने नगर को नरक बना कर रख दिया है और गुटबाजी को लेकर वरुण गांधी का प्रभाव इस चुनाव में जरूर देखने को मिलने वाला है।