टिक्कू आपचे
बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर परेश रावल के बारे में तो हम सभी अच्छी तरह से जानते हैं। परेश रावल 80 और 90 दशक के खतरनाक विलेन माने जाते थे। इसके बाद परेश ने कई कॉमेडी फिल्मों में भी काम किया और यह साबित कर दिया कि वह एक्टिंग की दुनिया के बेताज बादशाह हैं। पिछले महीने ही परेश की गेस्ट इन लंदन फिल्म आई थी। भले ही यह फिल्म बाक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं कर सकी, लेकिन अपने अभिनय से परेश ने एक बार फिर सबका दिल जीत लिया। परेश अभी भी फिल्मों में पहले की तरह ही एक्टिव हैं। बस फर्क इतना है कि अब वह लोगों को डराने की वजह हंसाने का काम करते हैं। हेरा-फेरी फिल्म में जब परेश रावल ने पहली बार कॉमेडी की तो शायद ही किसी ने सोचा होगा कि ये भविष्य में एक बेहतरीन कॉमेडियन एक्टर बनकर उभरेंगे। परेश रावल ने अपनी कॉमिक टाइमिंग से सभी को अपना दीवाना बना लिया।
परेश रावल एक भारतीय फिल्म अभिनेता और राजनेता हैं, जो बॉलीवुड में अपने कामों के लिए जाने जाते हैं। वह वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से संबंधित भारतीय संसद के लोकसभा के सदस्य हैं। 1994 में, उन्होंने फ़िल्म वो छोकरी और सर में उनके प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता। बाद के लिए, उन्हें सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता का पहला फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। इसके बाद केतन मेहता की सरदार थी, जिसमें उन्हें स्वतंत्रता सेनानी वल्लभभाई पटेल की मुख्य भूमिका निभाई, एक ऐसी भूमिका जिससे उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रशंसा मिली।
परेश रावल को आपने हिंदी सिनेमा में कई तरह के रोल में देखा होगा कभी हीरो कभी विलेन की भूमिका में और कभी कॉमेडी फिल्मों में. परेश गुजरात से हैं भारत सरकार ने इन्हें पद्दम भूषण से भी नवाजा हैं. परेश रावल को भारतीय सिनेमा में हास्य अभिनेता के तौर पर फिल्मफेयर अवार्ड मिल चुका हैं.
परेश रावल (जन्म: 30 मई, 1950) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। 2014 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया। यह 1994 में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार सहायक किरदार के लिए से सम्मानित हुए। इसके बाद इन्हें सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिल चुका है। यह केतन मेहता की फिल्म सरदार में स्वतंत्रता सेनानी वलभभाई पटेल की मुख्य किरदार में नजर आए थे।
परेश रावल के परिवार के बारे में ज्यादा जानकारी सार्वजनिक नही हैं| फिर भी कुछ परेश रावल विकिपीडिया और अन्य स्त्रोत से हमने उनके परिवार से जुडी कुछ जानकारी अपने पाठको के लिए एकत्रित की हैं| परेश रावल के पिता का नाम डहयालल रावल बताया जाता हैं|
परेश रावल की पत्नी का नाम स्वारूप सैमपाट जो बॉलीवुड अभिनेत्री रह चुकी हैं| साथ ही आपको बता दे सैम्पाट मिस इंडिया का खिताब भी जीत चुकी हैं| रावल के परिवार में इनके दो बेटे भी हैं जिनके नाम क्रमश आदित्य रावल और अनिरुद्ध परिवार से जुडी कोई नवीनतम जानकारी प्राप्त होगी| हम इस लेख को सम्पादित कर आप तक पहुचाने की कोशिश करेगे| आगे जानते हैं परेश रावल की आयु , फिल्म करियर, उनकी आने वाली फिल्मे और पत्नी स्वारूप सैमपाट के बारे में विस्तार से |
परेश रावल के परिवार के बारे में ज्यादा जानकारी सार्वजनिक नही हैं। फिर भी कुछ परेश रावल विकिपीडिया और अन्य स्त्रोत से हमने उनके परिवार से जुडी कुछ जानकारी अपने पाठको के लिए एकत्रित की हैं| परेश रावल के पिता का नाम डहयालल रावल बताया जाता हैं|
परेश रावल की पत्नी का नाम स्वारूप सैमपाट जो बॉलीवुड अभिनेत्री रह चुकी हैं| साथ ही आपको बता दे सैम्पाट मिस इंडिया का खिताब भी जीत चुकी हैं| रावल के परिवार में इनके दो बेटे भी हैं जिनके नाम क्रमश आदित्य रावल और अनिरुद्ध रावल बताये जाते हैं|
जैसे ही परेश रावल के परिवार से जुडी कोई नवीनतम जानकारी प्राप्त होगी| हम इस लेख को सम्पादित कर आप तक पहुचाने की कोशिश करेगे| आगे जानते हैं परेश रावल की आयु , फिल्म करियर, उनकी आने वाली फिल्मे और पत्नी स्वारूप सैमपाट के बारे में विस्तार से |
अभिनय
रावल ने अभिनय की शुरूआत 1984 में की थी। तब यह होली नामक फिल्म में एक सहायक किरदार निभाया था। इसके बाद 1986 में नाम नामक फिल्म से उनके अभिनय का गुण लोगों को पता चला। इसके बाद वह 1980 से 1990 के मध्य 100 से अधिक फिल्मों में खलनायक की भूमिका में नजर आए। इसमें कब्जा, किंग अंकल, राम लखन, दौड़, बाज़ी और कई फिल्मों में कार्य किया।
यह एक हास्य फिल्म अंदाज़ अपना अपना में पहली बार दो किरदार में नजर आए। इसके बाद वर्ष 2000 में एक हिन्दी फिल्म “हेरा फेरी” में अपने अभिनय और किरदार के कारण वह इसके बाद कई फिल्मों में मुख्य किरदार भी निभा चूकें हैं। हेरा फेरी फिल्म में राजू (अक्षय कुमार) और श्याम (सुनील शेट्टी) उसके घर किराए पर रहते हैं। जबकि रावल उसमें मकान मालिक का किरदार निभाते हैं। इस किरदार को हेरा फेरी के सफलता का श्रेय दिया गया है। इसमें उनके कार्य के लिए वह फिल्मफेयर पुरस्कार (सर्वश्रेष्ठ हास्यकार) भी जीत चूकें हैं। उनका बाबुराव का किरदार उसके दूसरे भाग फिर हेरा फेरी (2006) में भी देखने को मिला, यह फिल्म भी सफल रही।
जब वे NM इंटर कॉलेज में आए तो वहां भी परेश रावल ने बहुत सारी प्रतियोगिताओ में भाग लिया और बहुत सी प्रतियोगिताओ में जीते भी परेश रावल कहते हैं की उनके NM कॉलेज के प्रिन्सिपिल U.R कोहली को भी धन्यवाद् देता हूँ जिन्होंने मुझे सपोर्ट किया क्योंकि उन्होंने कहा था की यदि तुमको रेअर्शल के लिए जाना है तो जाओ । लेकिन तब तक इस बात का अंदाज़ा कोई नहीं लगा सकता था की परेश रावल आगे चलकर कितने बड़े सितारे बनेगे । सन 19713 में उन्होने पैसे कमाने और अपने अभिनय को निखारने के लिए इंडियन नेशनल थिएटर को जॉइन किया और वे अपना काम करते जा रहे थे। फिर मिली पहली फिल्म ।
बॉलीवुड डेब्यू
गुजराती प्ले हिट होते ही पूरी फिल्म नगरी में उनका चर्चा होने लगा, इसी समय “मांझी: द माउंटेन मेन” फिल्म के डाइरेक्टर केतन मेहता, जो खुद गुजरात से है और परेश रावल के थिएटर अवतार से काफी प्रभावित थे, आमिर खान, ओम पूरी और नसीरुद्दीन शाह के साथ होली फिल्म बना रहे थे। उस वक्त उन्हें सपोर्टिंग रोल के लिए एक एक्टर की जरूरत थी, तो वे बिना समय बिताए, इस रोल के लिए परेश को कास्ट कर लिया।
आखिरकार परेश रावल की उम्दा थिएटर स्किल ने उन्हें 1984 में अपनी मंजिल दिला ही दी। फिल्म ठीक ठाक रही। पर उन्हें असली सफलता 1986 में बनी सुपरहिट फिल्म नाम से मिली, जिसने उनकी एक टेलेंटिड एक्टर के रूप में पहचान बना दी।
इस बड़ी सफलता ने 1980-90 के दौरान परेश रावल के लिए एक नहीं, दो नहीं, तीन नहीं, बल्कि 100 फिल्मों की जबर्दस्त लाइन लगा दी। Oh My God 100 फिल्में….. कैसे मैनेज किए होंगे ? इन फिल्मों में उन्होंने सभी तरह की रोल्स किया। पर कब्जा, किंग अंकल राम लखन, दौड़, बाजी में विलेन और अंदाज अपना अपना में कॉमेडी का रोल सबसे ज्यादा प्रभावी रहा।
राजनीति
परेश रावल राजनीति के मैदान में भी हाथ आजमाया उन्होंने अहमदाबाद, गुजरात से चुनाव लड़ा और विजय हुए. अभी वर्तमान में यही से सांसद हैं. परेश रावल भारतीय जनता पार्टी के अच्छे राजनेता बन गए हैं.