लखनऊ। गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में हुए उपद्रव को लेकर उत्तर प्रदेश के निवासी कई किसानों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिल्ली पुलिस ने वीडियो फुटेज और तस्वीरों के जरिए चिह्नित किए गए सूबे के पांच जिलों के निवासी किसानों को अब तक नोटिस भेजे हैं। दिल्ली पुलिस ने उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया है। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि दिल्ली में हुए उपद्रव के मामले में दिल्ली पुलिस जो भी सहयोग मांगेगी, वह दिया जाएगा।
दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन हुए उपद्रव के दौरान के वीडियो व तस्वीरों की फॉरेंसिक जांच भी कराई जा रही है और पुलिस उन्हें साक्ष्य के तौर पर इस्तेमाल करेगी। इसी कड़ी में दिल्ली पुलिस वीडियो व तस्वीरों में नजर आ रहे किसानों को नोटिस देकर उनके जवाब तलब कर रही है। उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए दिल्ली पुलिस के समक्ष हाजिर होने के निर्देश दिए जा रहे हैं।
बागपत के निवासी नौ किसानों को पूर्व में नोटिस भेजे गए थे। अब शामली, मुजफ्फरनगर, शाहजहांपुर व लखीमपुर खीरी के निवासी कई लोगों को भी नोटिस भेजकर उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है। बताया गया कि स्थानीय पुलिस के जरिए चिह्नित लोगों को नोटिस भेजा जा रहा है और उन्हें अलग-अलग तिथियों में बयान दर्ज कराने के लिए दिल्ली तलब किया गया है।
बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध के नाम पर गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई ट्रैक्टर परेड ने सबके भरोसे को रौंदते हुए पूरे देश को शर्मसार कर दिया था। परेड में शामिल उपद्रवी तय रूट को छोड़ दिल्ली के मध्य तक घुस आए और जमकर तोड़फोड़ की। लाल किले पर धावा बोलकर उपद्रवियों ने वहां धार्मिक झंडा लगा दिया। इस दौरान रोकने की कोशिश कर रहे पुलिसकर्मियों पर पथराव करने के साथ रॉड और तलवारों से हमला किया। इतना ही नहीं, इंडिया गेट और लाल किले की तरफ बढ़ते समय रोकने पर हुड़दंगियों ने आइटीओ चौराहे पर जवानों व मीडियाकर्मियों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश भी की थी। अलग-अलग जगहों पर उपद्रव में सैकड़ों पुलिसकर्मी घायल हुए थे। पुलिस ने कई एफआइआर दर्ज की हैं।