अनिल अनूप की खास रिपोर्ट
मशहूर शायर राहत इंदौरी का इंतकाल हो गया है। वह 70 साल के थे। दिल का दौरा पड़ने की वजह से इंदौर के एक अस्पताल में उन्होंने मंगलवार की शाम लगभग 5 बजे आखिरी सांस ली। मंगलवार (11 अगस्त) को ही रात में करीब 10.30 बजे उन्हें इंदौर में सुपुर्दे-खाक कर दिया गया। वायरस संक्रमण की चपेट में आने के बाद से वो इंदौर के श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (सैम्स) में इलाजरत थे।
रविवार (9 अगस्त) की रात खांसी, बुखार और घबराहट होने पर राहत इंदौरी को सीएचएल अस्पताल लाया गया था। जांच में उन्हें निमोनिया से ग्रस्त पाया गया था, तब डॉक्टरों ने भर्ती होने की सलाह दी थी। बाद में उन्हें कोविड हॉस्पिटल अरबिंदो में भर्ती किया गया। देर रात कोरोना की पुष्टि हुई। अरबिंदो मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन डॉ. विनोद भंडारी के मुताबिक, जब इंदौरी अस्पताल में भर्ती हुए थे तब शुगर बढ़ी हुई थी। हालांकि, मंगलवार सुबह तक सेहत में सुधार होने लगा था लेकिन अचानक दोपहर में उन्हें हार्ट अटैक आया। सीपीआर देने पर कुछ सुधार हुआ। दो घंटे बाद दूसरा अटैक आ गया और उन्हें बचाया नहीं जा सका।
राहत इंदौरी को हमेशा जिंंदा रखेंगे उनके शेर: मैं जब मर जाऊं, मेरी अलग पहचान लिख देना, लहू से मेरी पेशानी पे हिंंदुस्तान लिख देना…
श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (सैम्स) ने बीती रात जारी बयान में कहा, ‘इंदौरी को मंगलवार दोपहर एक बजे दिल का दौरा पड़ा था। इससे उन्हें बचा लिया गया था। लेकिन इसके दो घण्टे बाद ही उन्हें फिर से दिल का दौरा पड़ा और शाम पांच बजे उनका निधन हो गया।’ बयान में कहा गया, ‘इंदौरी के दोनों फेफड़ों में 60 प्रतिशत तक निमोनिया हुआ था। इसलिए उन्हें कृत्रिम श्वसन प्रणाली पर रखा गया था। उन्हें उच्च स्तर की एंटीबायोटिक एवं नवीनतम एंटीवायरल दवाएं भी दी गई थीं।’ अस्पताल ने बयान में बताया कि इंदौरी, मधुमेह और उच्च रक्तचाप के साथ हृदय एवं किडनी के पुराने रोगों से पहले ही जूझ रहे थे। वह सोमवार शाम आई रिपोर्ट में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे।
रविवार को ही भर्ती हुए थे इंदौरी
रविवार (9 अगस्त) की रात खांसी, बुखार और घबराहट होने पर राहत इंदौरी को सीएचएल अस्पताल लाया गया था। जांच में उन्हें निमोनिया से ग्रस्त पाया गया था, तब डॉक्टरों ने भर्ती होने की सलाह दी थी। बाद में उन्हें कोविड हॉस्पिटल अरबिंदो में भर्ती किया गया। देर रात कोरोना की पुष्टि हुई। अरबिंदो मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन डॉ. विनोद भंडारी के मुताबिक, जब इंदौरी अस्पताल में भर्ती हुए थे तब शुगर बढ़ी हुई थी। हालांकि, मंगलवार सुबह तक सेहत में सुधार होने लगा था लेकिन अचानक दोपहर में उन्हें हार्ट अटैक आया। सीपीआर देने पर कुछ सुधार हुआ। दो घंटे बाद दूसरा अटैक आ गया और उन्हें बचाया नहीं जा सका।
छोटी खजरानी कब्रिस्तान में दफनाए गए राहत इंदौरी
जाने-माने उर्दू शायर डॉक्टर राहत इंदौरी मंगलवार (11 अगस्त, 2020) रात साढ़े नौ बजे छोटी खजरानी (इंदौर) कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिए गए। इंदौरी ने मंगलवार शाम पांच बजे अंतिम सांस ली थी। उन्हें कोरोना वायरस भी था। मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित एक अस्पताल में वह भर्ती थे। उन्हें दो बार दिल का दौरा पड़ा था, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। अस्पताल के डॉक्टर विनोद भंडारी ने बताया, “राहत इंदौरी को दो दिल के दौरे पड़े थे, पर हम उन्हें नहीं बचा सके। उन्हें कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद रविवार को अस्पताल लाया गया था। उन्हें 60 फीसदी निमोनिया भी था।
नीतीश ने राहत इंदौरी के निधन पर शोक जताया
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उर्दू के मशहूर शायर राहत इंदौरी के निधन पर गहरा शोक जताया है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि इंदौरी एक मशहूर शायर के साथ ही बेहतरीन शख्सियत थे। अपनी शायरी और नज्म की बदौलत वह प्रशंसकों के दिलों पर राज करते थे। उन्होंने हिन्दी फिल्मों के लिये भी कई गीत लिखे थे। उनके निधन से साहित्य और उर्दू शायरी के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुयी है।
राहत इंदौरी का निधन मध्यप्रदेश और देश के लिए अपूरणीय क्षति है : चौहान
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को मशहूर शायर राहत इंदौरी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह मध्यप्रदेश और देश के लिए अपूरणीय क्षति है। चौहान ने ट्वीट किया, ‘‘अपनी शायरी से लाखों-करोड़ों दिलों पर राज करने वाले मशहूर शायर, हरदिल अज़ीज़ श्री राहत इंदौरी का निधन मध्यप्रदेश और देश के लिए अपूरणीय क्षति है।’’
इंदौरी साहब का यूं चला जाना उर्दू शायरी के लिए बहुत बड़ा नुकसान : गहलोत
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दिलअजीज शायर राहत इंदौरी के निधन पर शोक जताते हुए इसे उर्दू शायरी के लिए बड़ा नुकसान बताया है।
तब साइन बोर्ड पेंटिंग के जरिये चल रहा था इंदौरी साहब का जीवन
कोरोना वायरस संक्रमण से मंगलवार को राहत इंदौरी का निधन होने के बाद अदब की मंचीय दुनिया ने वह नामचीन दस्तखत खो दिया है जिनका काव्य पाठ सुनने के लिये दुनिया भर के मुशायरों और कवि सम्मेलनों में लोग बड़ी तादाद में उमड़ पड़ते थे। हालांकि, यह बात कम ही लोग जानते होंगे कि एक जमाने में वह पेशेवर तौर पर साइन बोर्ड पेंटर थे।
इंदौरी के परिवार के करीबी सैयद वाहिद अली ने “पीटीआई-भाषा” को बताया, “शहर के मालवा मिल इलाके में करीब 50 साल पहले उनकी पेंटिंग की दुकान थी। उस वक्त वह साइन बोर्ड पेंटिंग के जरिये आजीविका कमाते थे।” अली ने बताया कि उर्दू में ऊंची तालीम लेने के बाद इंदौरी एक स्थानीय कॉलेज में इस जुबान के प्रोफेसर बन गये थे। लेकिन बाद में उन्होंने यह नौकरी छोड़ दी और वह अपना पूरा वक्त शायरी और मंचीय काव्य पाठ को देने लगे थे।
मुशायरा लूट लेते थे राहत इंदौरी : गुलज़ार
‘‘उर्दू शायरी में बुलंदियों को छूने वाले राहत इंदौरी का चला जाना बहुत बड़ा ही नहीं बल्कि पूरे का पूरा नुकसान है क्योंकि ज़नाब मुशायरे की जान थे और मुशायरा ही लूट लेते थे।’’ लोगों के ख़यालों और जज़्बातों को शब्दों में बांध कर शायरी के जरिये पेश करने वाले, उर्दू शायरी के अज़ीमोशान फ़नकार राहत इंदौरी के निधन पर उन्हें याद करते हुए यह पंक्तियां प्रख्यात गीतकार और रचनाकार गुलज़ार ने कहीं। राहत इंदौरी का आज मंगलवार को कोविड-19 महामारी के कारण निधन हो गया। इंदौरी के इस दुनिया से चले जाने की खबर पर गुलज़ार ने कहा ‘‘यह केवल बड़ा नुकसान नहीं है बल्कि उससे कहीं ज्यादा है। मुझे नहीं पता कि कितना बड़ा….।’’ गुलज़ार ने कहा ‘‘कोई अभी अभी वह जगह खाली कर गया जो केवल मुशायरे की थी। उर्दू शायरी आज के मुशायरे में राहत इंदौरी के बगैर पूरी नहीं है। एक वही थे जो इतनी बेहतरीन शायरी कहते थे।’’
कभी चित्रकार हुआ करते थे राहत इंदौरी
शायरी की दुनिया में कदम रखने से पहले, इंदौरी एक चित्रकार और उर्दू के प्रोफेसर थे। उन्होंने हिन्दी फिल्मों के लिये गीत भी लिखे थे और दुनिया भर के मंचों पर काव्य पाठ किया था।
इंदौरी साहब का यूं चला जाना उर्दू शायरी के लिए बहुत बड़ा नुकसान : गहलोत
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दिलअजीज शायर राहत इंदौरी के निधन पर शोक जताते हुए इसे उर्दू शायरी के लिए बड़ा नुकसान बताया है। इंदौरी का मंगलवार को इंदौर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। उनका कोरोना वायरस संक्रमण के लिए इलाज चल रहा था। वह 70 वर्ष के थे। राज्यपाल मिश्र ने इंदौरी के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया, ‘‘विख्यात उर्दू शायर और गीतकार राहत इंदौरी के निधन से उर्दू गीत एवं शायरी जगत में उत्पन्न निर्वात की भरपाई लंबे समय तक संभव नही होगी।’’ मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने शोक संदेश में कहा कि उर्दू अदब में राहत इंदौरी का अपना एक अलग मकाम था। उनका अंदाज-ए-बयां अलग था और उनकी शायरी में बेबाकी थी। देश के मौजूदा हालात को भी वे अपनी शायरी में बड़े खूबसूरत अंदाज में पेश करते थे।
कवि कुमार विश्वास ने इंदौरी साहब के निधन पर ट्वीट कर कहा- हे ईश्वर ! बेहद दुखद ! इतनी बेबाक़ ज़िंदगी और ऐसा तरंगित शब्द-सागर इतनी ख़ामोशी से विदा होगा,कभी नहीं सोचा था ! शायरी के मेरे सफ़र और काव्य-जीवन के ठहाकेदार क़िस्सों का एक बेहद ज़िंदादिल हमसफ़र हाथ छुड़ा कर चला गया।
फ़िल्मों में भी गाने लिखे
कम ही लोगों को इस बात का इल्म है कि राहत बॉलीवुड के लिए गाने भी लिखा करते थे। तो चलिए आपको बताते हैं उन गानों के बारे में जो राहत इंदौरी की कलम से निकले और जबरदस्त हिट रहे। हम यहां पर आपको उनमें से कुछ गानों का लिंक भी उपलब्ध करा रहे हैं ताकि आप उन्हें यहीं पर सुन भी सकें।
राहत इंदौरी ने मीनाक्षी फिल्म में ये रिश्ता सॉन्ग लिखा था और फिल्म करीब में उन्होंने चोरी चोरी जब नजरें मिली सॉन्ग लिखा था जो कि बहुत पॉपुलर हुआ। फिल्म हमेशा में राहत इंदौरी ने ऐ दिल हमें इतना बता सॉन्ग लिखा था जिसे उदित नारायण ने आवाज दी थी। फिल्म मर्डर में राहत ने दिल को हजार बार रोका रोका रोका गाना लिखा था जो कि काफी सुना गया।
इसी तरह फिल्म इश्क, तमन्ना, जुर्म और मुन्ना भाई एमबीबीएस जैसी फिल्मों के लिए राहत साहब ने छन्न छन्न, तुमसा कोई प्यारा, मेरी चाहतों का समंदर तो देखो, नींद चुराई मेरी किसने ओ सनम जैसे गाने लिखे थे जो कि काफी पॉपुलर हुए। हालांकि आमतौर पर फिल्म के गानों का क्रेडिट सिंगर या उस फिल्म में काम करने वाले एक्टर ले जाते हैं इसलिए बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि बॉलीवुड गानों के लिरिक्स लिखने में भी राहत धुरंधर रहे थे।