मुंबई-पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश ने बताया कि एक स्वर्ण मुद्रा की वर्तमान में कीमत तकरीबन 70 हजार रुपए है। बरामद मुद्राओं का कुल वजन 2357 ग्राम है।
पिंपरी चिंचवाड़ के चिखली इलाके में पुलिस ने दो ऐसे लोगों को अरेस्ट किया है, जिन्होंने लालच के चलते घर की खुदाई के दौरान बरामद सोने के सिक्कों की बात प्रशासन से छिपाई थी। इनके पास से पुलिस को 216 स्वर्णमुद्राएं बरामद हुई हैं। शुरूआती जांच में यह पता चला है कि ये सिक्के मुगलकालीन हैं।
पिंपरी चिंचवाड़ के पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश ने बताया कि एक स्वर्ण मुद्रा की वर्तमान में कीमत तकरीबन 70 हजार रुपए है। बरामद मुद्राओं का कुल वजन 2357 ग्राम है।
ऐसे आरोपियों तक पहुंची पुलिस
पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश के अनुसार, पुलिस नायक जमीर तंबोली को जानकारी मिली कि विठ्ठल नगर झुग्गी में रहने वाला सद्दाम खान पठान नाम का शख्स सोने के कुछ सिक्के बाजार में बेचने का प्रयास कर रहा है। तंबोली ने उसका पीछा किया और उसकी झोपड़ी से कुछ सिक्के बरामद हुए। पूछताछ में पठान ने पुलिस को बताया कि उसके ससुर मुबारक शेख और साले मेवना इरफान शेख को पुणे की एक कंस्ट्रक्शन साइट पर खुदाई के दौरान यह सिक्के मिले थे। दोनों मजदूरी का काम करते हैं। इसे बाजार में बेचने के लिए दोनों ने पठान को इन्हें दिया था।
यह मुद्राएं राजस्थान के जयपुर में बनती थी और इनपर उर्दू और अरबी भाषा में लिखा गया है।
औरंगजेब के काल की हैं मुद्राएं
पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश ने बताया कि मुगलकालीन यह सिक्के 1720 से 1750 यानी औरंगजेब के शासनकाल के हैं। प्राचीन मुद्राएं होने की वजह से ये अनमोल हैं और आरोपी इन्हें नष्ट कर बाजार में बेचना चाहते थे। इस मामले में सद्दाम पठान और मुबारक शेख को अरेस्ट कर लिया गया है, जबकि एक अन्य आरोपी अभी फरार है।
कृष्ण प्रकाश ने बताया कि भारतीय पुरातत्व विभाग को इन मुद्राओं को सौंप दिया गया है। मामले में जांच जारी है और उस कंस्ट्रक्शन साइट का भी पता लगाया जा रहा है, जहां से ये मुद्राएं बरामद हुईं थी।
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