शेखर की रिपोर्ट
उपायुक्त गुमला शिशिर कुमार सिन्हा के निदेशानुसार अनुमण्डल पदाधिकारी रवि आनन्द की अध्यक्षता में आईटीडीए सभागार में निबंधन अभियान के लिए जिला स्तरीय समिति की बैठक आज की गई। बैठक में पावर पॉइंट प्रजेंटेशन (पीपीपी) के द्वारा प्रज्ञा केन्द्र के माध्यम से ई-श्रम पोर्टल में निबंधन के लिए तकनीकि बातों की जानकारी दी गई। बताया गया कि असंगठित कामगारों का निबंधन जिले के सभी प्रज्ञा केन्द्रों में निःशुल्क किया जाएगा। लाभुक श्रमिक जिनके पास मोबाईल उपलब्ध हो, वे अपने मोबाईल के माध्यम से भी म.ेीतंउण्हवअण्पद में निबंधन स्वयं कर सकते है।
बैठक को संबोधित करते हुए अनुमण्डल पदाधिकारी रवि आनन्द ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देश पर श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार तथा श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण सह कौशल विकास विभाग झारखण्ड सरकार के द्वारा संयुक्त रूप से असंगठित मजदूरों के निबंधन के लिए ई-श्रम पोर्टल के माध्यम से निबंधन का कार्य जारी है। निबंधन अभियान को सफल बनाने के लिए प्रत्येक जिले में उपायुक्त की अध्यक्षता में एक कोर कमिटि का गठन सरकार द्वारा किया गया है। कोर कमिटि के सदस्य सचिव के रूप में जिले के श्रम अधीक्षक को सदस्य सचिव बनाया गया है। सर्वाेच्च न्यायालय के द्वारा पारित आदेश के आलोक में सभी असंगठित श्रमिकों का 31 दिसम्बर 2021 तक ई-श्रम पोर्टल पर निबंधन सुनिश्चित किया जाना है। इसके लिए जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति को अभियान के प्रचार-प्रसार के लिए श्रम बहुलता वाले क्षेत्र, श्रम कार्यालय, कौशल विकास केन्द्र सहित अन्य प्रमुख स्थानों पर पोस्टर, पम्पलेट, बैनर, जागरूकता रथ आदि के माध्यम से तथा प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सहयोग से विस्तृत जागरूकता अभियान चलाना है। गुमला जिले को 31 दिसम्बर 2021 तक असंगठित क्षेत्र के 3,35,880 मजदूरों के निबंधन का लक्ष्य दिया गया है। अब तक जिले में लगभग 8500 मजदूरों का निबंधन किया गया है।
जिला क्रियान्वयन समिति के सदस्य सचिव सह श्रम अधीक्षक एतवारी महतो ने बताया कि निबंधन के लिए मुख्य रूप से निर्माण श्रमिक, मनरेगा श्रमिक, आँगनबाड़ी सेविका/सहायिका, आशा कर्मी, रसोईया, प्रवासी मजदूर, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं, घरेलू कामगार, कृषि श्रमिक, मछुआरे, जल सहिया, सब्जी-फल बिक्रेता, ऑटो व रिक्शा चालक, दूध बेचने वाले, छोटे एवं सीमांत किसान, खेतीहर मजदूर, पशुपालन में लगे लोग, ईंट भट्टा और पत्थर खदानों में काम करने वाले, भवन निर्माण श्रमिक, समाचार पत्र बिक्रेता, छोटे दुकानदार, नाई, आरा मिलों में काम करने वाले, रेशम उत्पादन कार्यकर्त्ता आदि असंगठित क्षेत्र के कामगार/श्रमिक को लक्ष्य समूह के रूप में रखा गया है।
भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार विभाग के नेशनल डाटाबेस ऑफ अन आर्गेनाईज्ड वर्क्स कार्यक्रम के तहत् कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से यह कार्य किया जा रहा है। ई-श्रम पोर्टल पर श्रमिकों का पंजीकरण निःशुल्क है। पंजीकरण के बाद श्रमिकों व मजदूरों के यूनिक आई कार्ड बनाएं जाते है। इस यूनिक आईडी कार्ड बनते ही असंगठित श्रमिकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना सहित सरकार की ओर से दी जाने वाली अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी मिलेगा। यूनिक आईडी कार्ड के माध्यम से श्रमिकों की विभिन्न गतिविधियों और वह किस राज्य से किस राज्य में जा रहे है उसे भी आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। आपदा के समय इन असंगठित श्रमिकों का आसानी से मदद पहुँचाई जा सकेगी। सरकार रोजगार के अवसर भी सृजित कर सकेगी। आवेदक किसी भी संगठित समूह या संस्था का सदस्य नहीं होनी चाहिए।