प्रशांत झा की रिपोर्ट
पटना। बिहार में तमाम एग्जिट पोल्स को नकारते हुए जदयू और भाजपा नीत एनडीए ने बहुमत के आंकड़े को पार करते हुए राज्य में फिर से नीतीश सरकार का रास्ता साफ कर दिया है। अंतिम रुझान आने तक नीतीश कुमार की जदयू बेशक राज्य में तीसरे नंबर पर लुढ़क गई, लेकिन अपनी गठबंधन सहयोगी भाजपा के बलबूते वह लगातार चौथी बार प्रदेश की कमान संभालने जा रहे हैं। तेजस्वी यादव की राजद प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई, लेकिन वह तमाम भविष्यवाणियों के बावजूद महागठबंधन को राज्य की सत्ता नहीं दिला सके। हालोंिक एनडीए और महागठबंधन के बीच अंत तक मुकाबला करीबी रहा, लेकिन बाजी एनडीए के हाथ लगी। एनडीए को सबसे बड़ा नुकसान पहुंचाने वाले लोजपा के चिराग पासवान खुद अपनी पार्टी की लुटिया डुबा बैठे और उनकी पार्टी को प्रदेश में एक ही सीट मिलती नजर आई।
हालांकि फाइनल परिणाम आने से पहले राजद ने चुनाव में धांधली का भी आरोप लगा दिया और गठबंधन सहयोगियों के साथ चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचकर शिकायत भी दर्ज करवाई। राजद की ओर से ट्वीट कर 119 सीटों की सूची सार्वजनिक की गई, जिसको लेकर दावा किया गया कि ये उन 119 सीटों की सूची है, जहां गिनती संपूर्ण होने के बाद महागठबंधन के उम्मीदवार जीत चुके थे, रिटर्निंग ऑफिसर ने उन्हें जीत की बधाई भी दे दी, लेकिन अब सर्टिफिकेट नहीं दे रहे हैं। कह रहे हैं कि आप हार गए हैं। ईआईसी की वेबसाइट पर भी इन्हें जीता हुआ दिखाया गया। जनतंत्र में ऐसी लूट नहीं चलेगी। 119 सीटें जीतने के बाद भी टीवी पर कम सीटें दिखाई जा रही हैं। नीतीश कुमार सभी अधिकारियों को फोन कर धांधली करवा रहे हैं।
चुनाव परिणाम
पार्टी सीटें
एनडीए 122
राजद+ 113
लोजपा 01
अन्य 07
(अंतिम रुझान आने तक)