मनोज उनियाल की रिपोर्ट
शिमला। हिमाचल प्रदेश में आने वाले कुछ दिनों में लोगों को ठंड खूब सतायेगी। मौसम विभाग के पूर्वानुमान यदि सही बैठे तो हिमाचल में लोगों को 6 और 7 जनवरी को भारी बर्फबारी और बारिश से जूझना पड़ेगा। मौसम विभाग द्वारा आज जारी पूर्वानुमानों में 6 से 8 जनवरी तक राज्य में अधिकांश स्थानों पर वर्षा और बर्फबारी की संभावना व्यक्त की गई है। विभाग ने 6 जनवरी के लिए राज्य के मैदानी, मध्यम व अधिक ऊंचाई वाले इलाकों के लिए आरेंज अलर्ट जारी किया है।
विभाग के अनुसार इस दौरान मैदानी इलाकों में जहां बिजली कड़कने और ओलावृष्टि के साथ अंधड़ चलने की संभावना है वहीं मध्यम तथा अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर भारी वर्षा व बर्फबारी की संभावना है। विभाग ने 7 जनवरी के लिए मैदानी, मध्यम व अधिक ऊंचाई वाले इलाकों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है और इस दिन भी भारी बर्फबारी तथा वर्षा की संभावना जताई है। विभाग के अनुसार प्रदेश में आने वाले एक सप्ताह तक मौसम के बिगड़े तेवर बरकरार रहेंगे जिससे अधिकतम और न्यूनतम तापमान में जोरदार गिरावट आएगी तथा कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ेगा।
इस बीच प्रदेश में बीते रोज कई स्थानों पर हुई बर्फबारी व वर्षा के बाद प्रदेशवासियों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है तथा उनकी समस्याएं बढ़ गई हैं। राज्य में नौ स्थानों पर पारा माइनस में दर्ज किया जा रहा है। केलांग में आज न्यूनतम तापमान -11.6, कल्पा में -7.5, मनाली और कुफरी में -5, डलहौजी में -1.2, सुंदरनगर में -0.8, शिमला में -0.7, सोलन में -0.5, चंबा में 0.5, पालमपुर में 1 और धर्मशाला में 2.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया
शिमला में बीती रात मौसम की सबसे सर्द
शिमला में बीती रात इस मौसम की सबसे सर्द रात रही। इसके चलते शहर के कार्ट रोड से ऊपर वाले सभी इलाकों में लोगों को पानी जमने की भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। खासकर जाखू, यूएस क्लब, लक्कड़ बाजार, आईजीएमसी, मालरोड, बैनमोर, संजौली, ढली और सिमिट्री रोड इत्यादि इलाकों में पानी की पाइपें जम गई हैं तथा लोगों को आग जलाकर इन्हें पिघलाना पड़ रहा है। यही हाल कुफरी, मनाली और डलहौजी में भी है जबकि किन्नौर और लाहौल स्पिति में पानी के अधिकांश स्रोत जमे हुए हैं तथा यहां पिछले कई सप्ताह से लोगों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। तापमान के अत्यधिक गिर जाने के कारण शिमला और इससे ऊपर वाले इलाकों में सड़कों पर भी पानी जम गया है जिससे फिसलन बढ़ गई है और दुर्घटनाओं का अंदेशा बढ़ गया है।