दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के कार्यालयों में आयकर अधिकारियों द्वारा ‘सर्वेक्षण’ किए जाने के साथ ही विपक्षी नेताओं ने केंद्र पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। विपक्ष का कहना है कि सरकार बीबीसी के पीछे पड़ी है।
कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने यह कहा कि हमने तो अमेरिका स्थित फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडानी समूह पर लगाए गए आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) जांच की मांग करी है और सरकार बीबीसी के दफ्तरों में ही पहुंच गई है।
कांग्रेस ने आगे कहा – विनाश काले विपरीत बुद्धि
आपको बता दें दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के कार्यालयों में आयकर अधिकारियों द्वारा “सर्वेक्षण” किए जाने की कार्रवाई बीबीसी द्वारा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर दो-भाग के डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ जारी करने के कुछ सप्ताह बाद की गई है। वहीं इसके बाद कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष केंद्र सरकार पर निशाना भी साध रहा है। वहीं कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने यह कहा कि “यहां, हम अडानी मुद्दे पर जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) की मांग भी कर रहे हैं, वहीं सरकार बीबीसी के पीछे पड़ी है, विनाश काले विपरीत बुद्धि।”
इसी कड़ी में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि, “बीबीसी कार्यालय पर छापे का कारण और प्रभाव बिल्कुल स्पष्ट है, चाहे वह विपक्षी नेता हों, मीडिया, कार्यकर्ता या कोई और, सच बोलने वालों को भारत सरकार बेशर्मी से परेशान करने लग जाती है। मुफ्ती ने आगे यह भी कहा, “दस्ताने बंद हो गए हैं… और सच्चाई के लिए लड़ने की कीमत अब चुकानी पड़ती है।”