परवेज अंसारी की रिपोर्ट
नयी दिल्ली। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के विरोध में सोमवार को लोकसभा में भारी हंगामा हुआ। बजट सत्र के तीसरे दिन कांग्रेस समेत विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा में कोई कामकाज नहीं हो पाया, जबकि हंगामे के बावजूद लोकसभा चलती रही और दोपहर बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो गई।
कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों पर वोट बैंक की राजनीति करने और जनादेश का अपमान करने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने कहा कि विपक्षी पार्टियां अनुच्छेद 370, 35ए, दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों से जुड़ी समस्याएं खड़ी करती हैं जबकि मोदी सरकार इन समस्याओं का सामाधान निकालने के साथ नये एवं मजबूत भारत का निर्माण करने में लगी हुई है।
लोकसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्यों ने सीएए और एनपीआर के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस और वामदलों के सदस्य वेल तक आकर हंगामा करने लगे, जबकि डीएमके, एनसीपी, सपा व बसपा आदि दलों के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर कांग्रेस का समर्थन करते रहे। कई सदस्य ‘लोकतंत्र बचाओ’, ‘भारत बचाओ’ और ‘नो सीएए- एनआरसी-एनपीआर’ के नारे वाली तख्तियां लिए हुए थे। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल चलाया। इस दौरान जब वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर सवाल का जवाब देने उठे तो कांग्रेस सदस्य ‘अनुराग ठाकुर वापस जाओ’, ‘अनुराग ठाकुर शेम शेम’ और ‘गोली मारना बंद करो’ के नारे लगाने लगे। बाद में स्पीकर ने 12.30 बजे भोजनावकाश के लिए सदन की कार्यवाही 1.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। बाद में सदन की कार्यवाही चलने लगी। राज्यसभा में भी विपक्ष ने सीएए पर चर्चा कराने की मांग पर हंगामा किया। सदन की कार्यवाही 3 बार स्थगित करने के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान दिल्ली की सरकार पर निशाना साधते हुए प्रवेश वर्मा ने कहा कि दिल्ली के लोग गंदे पानी और प्रदूषण के कारण बेहाल हैं। पिछले 5 साल में दिल्ली में डीटीसी बसों की संख्या घटी है और यमुना में गंदगी बढ़ी है। उन्होंने आरोप लगाया कि शाहीन बाग में सीएए का विरोध नहीं हो रहा बल्कि वहां पाक समर्थक नारे लग रहे हैं, असम को देश से अलग करने की बात की जा रही है, लेकिन यह ‘राजीव फिरोज खान की सरकार नहीं है बल्कि यह मोदी सरकार है और सीएए कभी वापस नहीं लेगी।’ हालांकि प्रवेश वर्मा के चर्चा शुरू करते समय कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने नारेेबाजी की।
चुनाव के दौरान वर्मा के विवादित बयान के विरोध में ये सांसद सदन से वाकआउट कर गए। इससे पहले सीएए और एनपीआर को लेकर देशभर में जारी विरोध के मद्देनजर विपक्ष ने संसद के दोनों ही सदनों में इन मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की। इसके लिए कार्यस्थगन प्रस्ताव दिए थे, लेकिन वे नामंजूर हो गए।
भाजपा सांसद की विपक्ष को सलाह/ ‘जय श्रीराम’ बोलो, धुल जायेंगे पाप
धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए भाजपा के प्रवेश वर्मा ने कहा कि सीएए के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने 55 साल के शासन में समस्याएं खड़ी करने का काम किया और हमारी सरकार ने समस्याओं का समाधान निकालने का काम किया। इस संदर्भ में उन्होंने दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने इन्हें मालिकाना हक देने का काम किया। वर्मा ने अपने भाषण के दौरान भारत के संविधान की मूल प्रति दिखाते हुए कहा कि इसमें भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, श्रीकृष्ण और हनुमानजी के चित्र अंकित हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम किसी धर्म के नहीं बल्कि मानवता के प्रतीक हैं। उन्होंने विपक्ष से ‘जय श्रीराम’ का उद्घोष करने को कहा। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से उनके पाप धुल जायेंगे।