यूपी के अमरोहा जिले की एक विधानसभा सीट है हसनपुर विधानसभा सीट. ऐतिहासिक धरोहर संजोए हसनपुर विधानसभा क्षेत्र की आबादी कृषि पर आधारित है. ये इलाका गंगा नदी के किनारे बसा है. गंगा के एक तरफ हसनपुर पूठ तो दूसरी तरफ बुलंदशहर में पुष्पावती पूठ है जहां गुरु द्रोणाचार्य का गुरुकुल था और वहीं कौरव और पांडवों ने शिक्षा ग्रहण की थी.
गंगा किनारे हसनपुर के इलाके में भील जाति निवास करती है. इसी भील जाति से एकलव्य जैसे योद्धा थे. इसी इलाके को एकलव्य की जन्म और कर्म भूमि माना जाता है. भील जाति को अब खड़कवंशी जाति के नाम से जाना जाता है. अज्ञातवास के लिए जाते समय पांडवों ने इसी इलाके में अपने अस्त्र और शस्त्र एक पेड़ पर छिपा दिए थे. श्रीकृष्ण के एक अनुयायी ने इस इलाके में गंगा किनारे बांध का निर्माण कराया. इस बांध का नाम भी हरि बाबा का बांध है और ऐसा माना जाता है कि हरि बाबा की कुटिया में श्रीकृष्ण निवास करते हैं.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
हसनपुर विधानसभा की राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो ये इलाका गंगेश्वरी विधानसभा सीट का हिस्सा हुआ करता था. 2008 के परिसीमन में ये विधानसभा सीट अस्तित्व में आई जिसके लिए 2012 में पहली दफे चुनाव हुए. 2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के कमाल अख्तर जीते थे.
2017 का जनादेश
हसनपुर विधानसभा सीट से 2017 के चुनाव में सपा ने तब के निवर्तमान विधायक कमाल अख्तर को ही मैदान में उतारा. उनके सामने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने महेंद्र खड़कवंशी को टिकट दिया. बीजेपी के महेंद्र खड़कवंशी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के कमाल अख्तर को 27 हजार वोट से अधिक के अंतर से हरा दिया. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा.
सामाजिक ताना-बाना
हसनपुर विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो ये सीट खड़कवंशी बाहुल्य है. खड़कवंशी बिरादरी को बीजेपी का वोटर माना जाता है. इस इलाके में सामान्य जाति के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं. त्यागी बिरादरी के मतदाता भी इस सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. हसनपुर विधानसभा क्षेत्र में करीब साढ़े तीन लाख मतदाता हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
हसनपुर विधानसभा सीट से विधायक बीजेपी के महेंद्र खड़कवंशी साधारण बैकग्राउंड से आते थे. कहा जाता है कि विधानसभा सदस्य निर्वाचित होने के पहले वे किराये के मकान में रहते थे. अब उनके पास अपनी बड़ी कोठी, गाड़ियां हैं. विधायक महेंद्र खड़कवंशी का दावा है कि उनके कार्यकाल में इलाके का चहुंमुखी विकास हुआ है. विपक्षी दलों के नेता विधायक को फेल बता रहे हैं.