कोलकाता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में कोरोना पीड़ितों के लिए अपनी तरह की अनूठी योजना शुरू की है। मरीजों को फलों की छोटी टोकरी के साथ ममता का नाम लिखा हुआ ‘जल्द ठीक हो जाओ’ एक कार्ड होता है जिस पर अंग्रेजी में ‘गेट वेल सून’ लिखा है।अब तक लगभग 10,000 फलों की टोकरियां बनाई जा चुकी हैं और पूरे कोलकाता में पार्सल का वितरण शुरू किया गया है। फलों की टोकरियां बांटने और संदेश का जिम्मा पार्षदों को सौंपा गया है। वे उपहार देने के लिए कोविड पीड़ितों के घर जा रहे हैं।उच्च संक्रमण दर वाले क्षेत्रों में पैक टोकरियां घर या भवन के बाहर रख जाते हैं और रहने वालों को फोन पर सूचित किया जाता है।बताते चलें कि कोलकाता में कोरोना संक्रमण की दर 47 प्रतिशत पहुंच चुकी है और पूरे बंगाल में 24 प्रतिशत है।
शहर से लेकर गांवों में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। गरीब लोग कोरोना से पीड़ित हो गए हैं। उनके पास न तो रोजगार है और न ही खाना है। इसीलिए ममता सरकार ने गरीब कोरोना रोगियों के लिए पहल की है। राज्य के मुख्य सचिव एचके द्विवेदी ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि गरीब कोरोना के रोगियों को घर-घर खाना पहुंचाया जाए। इस बाबत संबंद्ध जिलाधिकारी को पूरी जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से गरीब लोगों को मुफ्त राशन पहले से ही दिया जा रहा है।
राज्य सचिवालय नवान्न से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना के मौजूदा हालात के चलते कई गरीब लोग इन समस्याओं का सामना कर रहे हैं। राज्य के मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है कि उनके लिए पैकेट में चावल, दाल और बिस्कुट को उनके घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था करनी होगी।जिला प्रशासन को व्यवस्था करनी है। यदि आवश्यक हो तो यह कार्य आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों से संपर्क करके किया करें। इस बाबत जिलाधिकारियों के निर्देश मुख्य सचिव द्वारा दिए गए हैं।
खाने के पैकेट को घर-घर पहुंचाने के लिए पुलिस अधीक्षक से संपर्क करने का निर्देश दिया गया है। एसपी इस बाबत समन्वय का काम देखेंगे। पीड़ितों की जानकारी हासिल करने से लेकर खाना उपलब्ध कराने का काम जिलाधिकारी कार्यालय से होगा, लेकिन खाना वितरण करने का काम पुलिस द्वारा कराया जाएगा। प्रत्येक पैकेट पर बंगाल सरकार और राज्य पुलिस के सौजन्य से लिखा हुआ होगा।