शादाब जफर शादाब
हमें इतवार को शब नौ बजे दीपक जलाना हैं.
कोरोना को भगाना है, कोरोना को मिटाना है.
हमें प्रधानमंत्री जी ने अच्छा गुर सुझाया हैं.
अमीरो के गरीबों के दिलो को भी मिलाया हैं.
बड़े, छोटे को बंगले झोपडी को भी छुपाया हैं.
अंधेरा कर के सब को एक माला मैं पिरोया हैं.
दिया जलते उजाला जिंदगी का हर तरफ होगा.
बचेगा वो जो इक्कीस दिन घरों मैं अपने बैठेगा.
बड़ी हिकमत हैं इस मैं, बैठ कर सोचो ज़रा घर में.
बुरी आफत ना आयेंगी जलाया जो दिया दर मैं.
जो कहता है कहे मुझ को ये नुस्खा आज़माना हैं.
बुझा कर घर की बिजली को दिया दर पर जलाना है.
गरीबों की मदद, भूखों को खाना दे रहा है जो.
हमेशा अपने रब की छत्र छाया मैं रहेगा वो.
हमारा मुल्क दुनिया में अनोखा हैं मिसाली है.
मेरा दावा ये सच्चा हैं ना बिल्कुल भी ख्याली हैं.
के हमने मौत की आंखों मैं आंखें डाल रखीं हैं.
लडाई देख कर दुनियां ये सारी हक्की बक्की हैं.
हमारा मुल्क फिर शादाब होगा गीत गायेगें.
कोरोना को मिटायेगें, कोरोना को भगायेगें.
नजीबाबाद, बिजनौर
9319388015,7078555254