[ विचारों को वास्तविक परिवेश के इर्द-गिर्द से चुनकर शब्दों में ढालते हुए उसे सहजता से पेश किया गया तो वह “कहानी” का रुप ले लिया। उस कहानी को पार्टी नजर की मार पड़ी तो संवेदित भावना ने कहा कि” तुम्हारे आस पास ही तो रहता हूं मैं!!” यही विशेषता है अक्षय कुलश्रेष्ठ की रचनाओं की। हम साभार आपके लिए पेश कर रहे हैं यहां ऐसी ही उनकी एक नई कहानी। – संपादक ]
– अक्षय कुलश्रेष्ठ
कोरोना ने पूरी दुनिया में उथलपुथल तो मचाई ही, पर कइयों की सोच की दिशा भी बदल दी, जिस के निशां आज भी मेरे दिलोदिमाग को कचोटते है.
आगरा में कुछ महीने पहले अमन की शादी बड़ी ही धूमधाम से निशा के साथ हुई. निशा भी अमन जैसे पति को पा कर बेहद खुश थी.
अमन की नईनई शादी हुई थी, इसलिए वह बौराया सा घूमता और पत्नी निशा को किसी तरह की तकलीफ नहीं देना चाहता.
निशा भी अमन में खुशियां तलाशने की कोशिश करती.
अमन आगरा में रहता था और अपना कामधंधा करता. पर लॉक डाउन होने से वह भी घर पर ही रहता.
लॉक डाउन से पहले इत्तेफाकन पत्नी निशा को किसी काम से पति के साथ मायके जाना पड़ गया. वह तो छोड़ कर आ गया, पर 24 मार्च की रात 12 बजे अचानक ही सबकुछ थम सा गया क्योंकि पूरे देश में लॉक डाउन लग गया और इस का सख्ती से पालन किया जाने लगा.
शहर की पुलिस डंडे फटकारने में पीछे नहीं थी. लोग बदहवास से दौड़ पड़े थे. कोई छिपने की कोशिश कर रहा था, तो कोई बच कर निकलने की जुगत में था.
पुलिस को भी ऐसा पहली बार फ़िल्म सरीखा हकीकत का किरदार निभाने में बड़ा मजा आ रहा था.
सबकुछ सूनासूना सा लगता अमन को क्योंकि वह भी घर में कैदियों सरीखी जिंदगी बिता रहा था. दिन तो जैसेतैसे काट रहा था, पर रात में जब वह करवटें बदलता तो पत्नी निशा की याद सताती.
अमन भी लॉक डाउन जैसी स्थिति देख बेबस था. करना तो वह बहुतकुछ चाहता था, पर कुछ कर नहीं सकता था.
अमन पत्नी निशा को मायके नहीं भेजना चाहता था, पर वह जाना चाहती थी. उस की जिद को देख वह पत्नी निशा को मायके छोड़ आया था.
इधर, अचानक लॉक डाउन होने से पत्नी निशा घर से निकल नहीं सकती थी, वहीं अमन उस के बिना परेशान सा पूरे दिन कमरे में पड़ापड़ा परेशान रहता.
एक दिन तो हद हो गई, अमन ने पत्नी निशा की याद आने पर पंखे से लटक कर अपनी जान दे दी.
सूचना पर पुलिस आई और उस ने जांच की. पुलिस इंस्पेक्टर आलोक ने बताया, ‘अमन की पत्नी निशा लॉक डाउन घोषित होने से पहले ही किसी काम से मायके गई थी. वह खुद छोड़ने गया था और वापस आ गया था. इधर 25 मार्च से पूरे देश में लॉक डाउन की घोषणा हुई, तो निशा मायके में ही रह गई.’
इंस्पेक्टर आलोक ने आगे कहा, ‘पत्नी निशा के न आने से वह काफी परेशान रहता था. वह अपनी पत्नी को काफी याद कर रहा था, लेकिन सहन न कर पाने की स्थिति में उस ने 8 अप्रैल को सीलिंग फैन से फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली.’
अकेलेपन का ऐसा दुखद अंत होगा, पत्नी ने सपने में भी नहीं सोचा था.
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