अनिल अनूप
कोरोना वायरस के बीच टिड्डी दलों ने उत्तर भारत के किसानों की चिंता बढ़ा दी है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में खतरनाक टिड्डी दल का आतंक फैला हुआ है। टिड्डियों के एक बड़े दल ने अप्रैल में पाकिस्तान से भारत में प्रवेश किया और ये तब से ये फसलों को चट कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि पिछले 26 सालों में भारत पर ये टिड्डी दल का सबसे खतरनाक हमला है।
कहां से आई टिड्डी ?
टिड्डियों के झुंड अभी राजस्थान, यूपी और मध्यप्रदेश के साथ हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों में दिख रहे हैं। टिड्डियों का हमला के पिछे कोरोना वायरस का हाथ है। दरअसल, डेजर्ट लोकस्ट के नाम से जाने वाली ये टिड्डियों हर साल ईरान और पाकिस्तान से भारत आती है। भारत में ये मॉनसून के वक्त एक बार ब्रीडिंग करती हैं । वहीं ईरान और पाकिस्तान में ये दो बार प्रजनन करते हैं। इन्हें रोकने लिए वहां हर बार दवा का छिड़काव किया जाता है लेकिन कोरोनावायरस के चलते इस बार ये नहीं हो सका है। जिसकी वजह से इनकी संख्या में इजाफा हुआ है।
अप्रैल के महीने में हुई संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन की मीटिंग में एक अधिकारी ने बताया था कि कोरोना की वजह से इस बार टिड्डियों की ब्रीडिंग रोकने के लिए दवा का छिड़काव नहीं किया जा सका और जिसकी वजह से टिड्डियों का प्रकोप काफी बढ़ गया है।
26 साल का सबसे बड़ा हमला
UNFAO के मुताबिक भारत में टिड्डियों का ये 26 साल का सबसे बड़ा हमला है। टिड्डियों का ये संकट मॉनसून के आने तक चल सकता है। एक्सपर्ट्स की माने तो अगर टिड्डियों के आतंक पर जल्द ही काबू नहीं पाया जाता है तो ये हजारों करोड़ रुपये की फसल को चट कर सकते हैं।
टिड्डी दल जिस जगह से होकर गुजर रहा है वहां रास्ते में आने वाली लहरा रही फसल चट करता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक भारत में टिड्डियों का ये 26 साल का सबसे बड़ा हमला है। टिड्डियों का ये संकट मॉनसून के आने तक चल सकता है।
एक्सपर्ट्स की माने तो अगर टिड्डियों के आतंक पर जल्द ही काबू नहीं पाया जाता है तो ये हजारों करोड़ रुपये की फसल को चट कर सकते हैं। कोरोना संकट के बीच भारत में टिड्डियों के हमले से एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।
ये टिड्डियां पाकिस्तान से होते हुए अफ्रीका भारत में दाखिल हुई हैं। भारत में जिन रेगिस्तानी टिड्डियों ने हमला किया है, उन्हें बेहद ही विनाशकारी माना जाता है। टिड्डियों का ये दल 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ता है।
एक अनुमान के मुताबिक एक वर्ग किलोमीटर के टिड्डियों के झुंड में आठ करोड़ टिड्डियां हो सकती हैं। जो कि एक दिन में 35 हजार लोगों के भोजन के बराबर फसल चौपट कर सकती है। टिड्डियां के पेरिस के आकार का एक झुंड माली, नाइजीरिया और फ्रांस की आधी आबादी के बराबर खाना खा सकती है।
टिड्डियों का संकट केवल भारत या दक्षिण एशिया का नहीं है बल्कि ये समस्या दुनिया के 60 देशों में फैली है। अगर ये अपने हमले के चरम पर हों तो यह 60 देशों में बिखरे दुनिया के 20% हिस्से पर कब्जा कर लेती हैं। इनसे दुनिया की 10% आबादी की रोजी रोटी बर्बाद हो सकती है।
कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक़ टिड्डियों का दल अब उत्तर प्रदेश के औरैया, इटावा, एटा, फर्रुखाबाद, फ़िरोज़ाबाद, आगरा, मथुरा, बुलंदशहर तक पहुंचने लगा है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य प्रशासन ने 10 ज़िलों में हाई अलर्ट कर दिया है।
अगर अभी टिड्डियों के इस दल को भगा भी दिया गया तो भी एक्सपर्ट ये बता रहे हैं कि मॉनसून के बाद एक बार फिर ये घातक कीट भारत पर हमला कर सकता है। अगर तब का हमला भी इतना ही बड़ा हुआ तो ख़रीफ़ की फ़सल को क्षति हुई तो खाद्य सुरक्षा का संकट भी खड़ा हो सकता है।