नई दिल्ली. आसमान छूते तेल के दाम को देखते हुए ग्राहकों का रूझान वैकल्पिक ईंधन से चलने वाले वाहनों की ओर बढ़ा है। ऐसे में सीएनजी एक सस्ता विकल्प है। इसके अलावा पेट्रोल-डीजल की तुलना में सीएनजी कारों में माइलेज भी ज्यादा मिलता है। महंगे होते पेट्रोल के बीच अगर आप नई गाड़ी प्लान कर रहे हैं और सीएनजी गाड़ियों को अपनाने में हिचक रहे हैं, तो यहां हम आपको कुछ महत्वपूर्ण बातें बता रहे हैं जिससे आपको फैसला लेने में मदद मिलेगी।
1. लोगों को लगता है कि सीएनजी फिटेड गाड़ियों का एक्सिलरेशन उतना तेज नहीं होता जितना पेट्रोल या डीजल गाड़ियों का होता है। यह एक मिथ है। अगर आप कंपनी फिटेड सीएनजी कार ले रहे हैं तो कोई फर्क महसूस नहीं करेंगे। पुरानी कार में भी सीएनजी फिट करवाई है और इसे सही तरीके से लगाया गया है तो भी यह फर्क कभी सामने नहीं आएगा।
2. माना जाता है कि सीएनजी कारें हर रास्ते के लिए नहीं रह जातीं। जाहिर तौर पर आप इनसे बहुत चुनौतीपूर्ण रास्तों पर नहीं जा सकते लेकिन अमूमन हर रास्ते ये पार कर सकती हैं। पेट्रोल पर स्विच करने आपकी सुविधा तो आपके पास हमेशा रहेगी ही।
3. सीएनजी से इंजन की उम्र पर कोई असर नहीं होता। इसे ठीक तरह से मैंटेन करते रहिए, कभी कोई दिक्कत नहीं होने वाली।
4. सीएनजी की किट गाड़ी में वजन बढ़ती है तो माना जाता है कि इससे सस्पेंशन पर बुरा असर होता है। फैक्ट्री फिटेड कारों में इसके लिए पिछले सस्पेंशन पर खास पैडिंग होती है। इस तरह की पेंडिंग बाहर भी करवाई जा सकती है, जिससे सस्पेंशन पर जोर नहीं आता।
5. इसे अत्यंत ज्वलनशील कह कर बदनाम किया जाता है। सीएनजी का इग्निशन तापमान 700 डिग्री सेल्सियस है जबकि पेट्रोल का इग्निशन तापमान सिर्फ 455 डिग्री सेल्सियस है। जाहिर है कि सिस्टम में तापमान अनियंत्रित रूप से बढ़ेगा तो पेट्रोल कार की तरह सीएनजी कार भी जल उठेगी। लीकेज का ध्यान रखा जाए तो यह पूरी तरह सुरक्षित है।
6. कुछ लोग मानते हैं कि इनके सिलेंडर छोटे होते हैं तो इसलिए इनकी रेंज भी सिमट जाती है। जबकि फुल टैंक में पेट्रोल या डीजल गाड़ियां ज्यादा दूर तक का सफर तय कर सकती हैं। इसकी चिंता इसलिए नहीं की जाना चाहिए क्योंकि सीएनजी कारों में तो एक तरह से दो टैंक (सीएनजी और पेट्रोल) हो जाते हैं, इसलिए इन कारों की रेंज किसी भी अन्य गाड़ी से ज्यादा होती है।
7. सीएनजी की उपलब्धता को लेकर सवाल उठाए जाते हैं। केवल पहाड़ी इलाकों और छोटे कस्बों में इस तरह की दिक्कत सामने आ सकती है। मध्यम और बड़े शहरों में अब यह आसानी से उपलब्ध है। सरकार भी लगातार की बढ़ा रही है।
8. सीएनजी गाड़ियों के भरोसमंद ना होने पर अक्सर सवाल उठाए जाते हैं। केवल मारुति द्वारा बेची जाने वाली सीएनजी गाड़ियों की संख्या पर ही गौर फरमाएं तो ही यह भ्रम दूर हो जाएगा। सही वक्त पर किसी भी गाड़ी की सर्विस करवाइए, वो हमेशा ही भरोसेमंद बनी रहेगी।