एनबीडी डेस्क
मौजूदा तीन या चार पीढ़ियों ने ऐसी त्रासदी कभी नहीं देखी होगी, जो इस वक्त कोरोना पूरी दुनिया को दिखा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के बाद देशभर में लॉकडाउन है और लोग इसमें सहयोग भी कर रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान वैसे तो जरूरी सामान की सभी दुकानें खुली हैं, लेकिन बहुत से परिवारों में जहां सिर्फ बुजुर्ग और महिलाएं ही हैं, वहां घर तक राशन, दूध, दवाई जैसी जरूरी चीजें आखिर कैसे पहुंचेंगी? इसी सवाल के जवाब में राजस्थान के भरतपुर के पास बयाना कस्बे के नवयुवकों ने अच्छी पहल की है। यह सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, पूरी दुनिया के लिए मिसाल है।
सोशल मीडिया पर बयाना के एक फेसबुक पेज संवाद4यू पर 23 मार्च 2020 को जनता कर्फ्यू के बाद एक यूजर पुष्पेन्द्र बैंसला ने एक मैसेज पोस्ट किया। संदेश ये था- ‘मेरा नाम पुष्पेन्द्र बैंसला है, मेरा मोबाइल नंबर ये है और कोई भी जरूरतमंद चाहे तो मुझे फोन करे, मैं अमुक इलाके में रहता हूं।’ इस संदेश का असर ये हुआ कि लॉकडाउन के दौरान परेशान लोगों के पुष्पेन्द्र बैंसला के पास फोन आने लगे।
ये युवा लोगों की लिस्ट के मुताबिक बाजार से जरूरी सामान खरीदकर उनके घर तक पहुंचाने लगे। जब अपने इस सोशल वर्क की फोटो सोशल मीडिया पर उन्होंने डाली, तो देखते ही देखते कुछ घंटों में दस वॉलिंटियर इस मुहिम में शामिल हो गए। 25 मार्च की शाम तक 70 वॉलिंटियर इस मुहिम से जुड़ चुके थे और इस संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।
संवाद4यू पेज के 75 हजार फॉलोअर हैं। इसे बयाना कस्बे के राजीव शर्मा चला रहे हैं। राजीव ने जागरण डॉट कॉम को बताया कि जिला प्रशासन और पुलिस ने भी नवयुवकों की इस पहल को सराहा है। स्व-प्रेरणा से लोगों की मदद को सामने आ रहे वॉलिंटियर्स अपनी सुरक्षा का भी ख्याल रख रहे हैं। वो सेनिटाइजेशन से लेकर मास्क तक सब एहतियात बरत रहे हैं।
लोगों की डिमांड के मुताबिक वे परचून और दवाई की दुकान से जरूरत के सामान लेकर घरों तक पहुंचा रहे हैं। सामान की वही कीमत वसूली जा रही है, जिसमें खरीदा गया। इस काम में घर तक पहुंचने में लगने वाला पेट्रोल का खर्चा वॉलिंटियर्स स्वयं वहन कर रहे हैं। राजीव को इलाके के पुलिस उपाधीक्षक खींवसिंह राठौर ने आश्वस्त किया है कि वॉलिंटियर्स को कहीं भी रोका नहीं जाएगा, जरूरत पड़ी तो उनके लिए पास भी जारी कर दिए जाएंगे।
इस मुहिम का आइडिया क्रिएट करने वाले पुष्पेन्द्र बैंसला बताते हैं कि पहले-पहले तो सोशल मीडिया पर उनका संदेश देखकर कुछ लोगों ने मसखरी भी की। फोन करके शराब की बोतल और गुटखा, सिगरेट आदि घर देकर जाने को कहा। लेकिन उनकी टीम ने विनम्रता से सिर्फ जरूरी चीजें ही सप्लाई करने की बात कही।
संवाद4यू के वॉलिंटियर्स दो दिनों में अब तक 500 से ज्यादा घरों में जरूरत के सामान की सप्लाई कर चुके हैं। देर शाम तक आए फोन कॉल्स के अनुसार वे लिस्ट तैयार कर लेते हैं और सुबह जब बाजार में दुकानें खुलती हैं, उसी समय सामान खरीद कर अपने-अपने एरिया में सप्लाई को निकल जाते हैं।