दीपक कश्यप के साथ एनबीडी डेस्क की रिपोर्ट
सहारनपुर। चर्चित शिक्षिका अनामिका शुक्ला की फर्जी नियुक्ति मामले में सहारनपुर के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की वार्डन को बर्खास्त कर दिया गया है। आराेप है कि, वार्डन ने उच्च अधिकारियों को बताए बिना ही अनामिका के नाम से मानदेय जारी किया। इस मामले में बालिका शिक्षा के जिला समन्वयक के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए शासन काे लिखा जा रहा है।
शिक्षिका अनामिका शुक्ला के नाम से यूपी के कई स्कूलों में फर्जी तैनाती के खुलासे हाेने के बाद अब इस मामले की जांच एसटीएफ काे दे दी गई है। पूरे प्रदेश में अभ इस चर्चित घोटाले की जांच एसटीएफ करेगी। बेसिक शिक्षा मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ सतीश चंद्र द्विवेदी ने इस पूरे प्रकरण की जांच एसटीएफ काे दिए जाने की पुष्टि की है।
शिक्षिका अनामिका शुक्ला के नाम से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग स्कूलों में फर्जी नियुक्ति का मामला सामने आने के बाद जब प्रदेश स्तर पर पूरे मामले की जांच हुई ताे असली अनामिका शुक्ला भी सामने आ गई। अब असली अनामिका शुक्ला के सामने आने के बाद जो फर्जी शिक्षिकाएं हैं उनके पते भी गलत निकले हैं। इनमें से अधिकांश के मोबाइल नंबर भी स्विच ऑफ चल रहे हैं। इसलिए अब एसटीएफ इन सभी की तलाश में जुटी है।
अनामिका प्रकरण की जांच कर रही कासगंज पुलिस ने फर्जी नौकरी लगवाने वाले गैंग के मास्टरमाइंड के भाई जसवंत सिंह को गिरफ्तार किया ताे एक और चौंका देने वाला मामला सामने आया। जसवंत सिंह भी किसी अन्य व्यक्ति के नाम से कन्नौज के एक ब्लॉक क्षेत्र के स्कूल में प्रभारी हेड मास्टर के पद पर तैनात था। जब इसके शैक्षणिक प्रमाण पत्र जांचे गए तो पता चला कि यह बीए फेल है।
एसपी कासगंज सुशील धुले ने मीडिया को इस पूरे मामले की जानकारी दी और बताया कि 25 जिलों के कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में अनामिका शुक्ला के शैक्षणिक दस्तावेजों के आधार पर फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति कराने वाले मास्टरमाइंड राज उर्फ नीतू उर्फ गुरुजी का असली नाम पुष्पेंद्र है। पुष्पेंद्र मैनपुरी के भाैगांव का रहने वाला है। वह फर्जी डिग्री का रैकेट चलाता है और पुष्पेंद्र ने ही राज बनकर सुप्रिया को अनामिका के कागजों पर नौकरी दिलाई थी। अब गिरफ्तार किए गए इसके भाई से पूछताछ में पता चला है इस गैंग का नेटवर्क केवल कस्तूरबा गांधी विद्यालय में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में फैला है।
फर्जी शिक्षिका अनामिका शुक्ला के नाम से अलग-अलग जिलों में जांच चल रही है। इसी कड़ी में सहारनपुर में भी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इस मामले में जांच कराई थी। पूरे मामले में जब प्रथम जांच रिपोर्ट आई तो समन्वयक और वार्डन की लापरवाही का खुलासा हुआ। इसके बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सहारनपुर के कस्तूरबा गांधी विद्यालय की वार्डन ललिता देवी की सेवाएं समाप्त कर दी। ललिता देवी के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही जिला समन्वयक के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी शासन को लिखा गया है। यह कार्रवाई नाकाफी मानी जा रही है।
सहारनपुर के बेसिक शिक्षा अधिकारी रविंद्र कुमार सिंह ने बताया कि अनामिका शुक्ला की फर्जी नियुक्ति कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में सामने आई थी और इस लापरवाही पर वार्डन की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।