आत्माराम त्रिपाठी
आज चारों तरफ एक ही शोर एक ही आवाज कहीं भय से तो कहीं गुमराह करने की कोशिश में गूंज रही है। चारों तरफ से कोविड 19 कोरोनावायरस को लेकर लोग आतंकित हैं और अब नहीं भी लेकिन सरकारी दावा कोरोना का इलाज दवा अभी नहीं खोजी जा सकी लेकिन सरकारी अस्पतालों से इलाज करा कर ठीक हो वापस आ रहे मरीजों को बताया जा रहा है कि वह कोरोना मारीज ठीक हो वापस गया। इतने कोरोना मारीज भर्ती हुए और उनमें इतने का इलाज चल रहा है स्थित गंभीर लेकिन नियंत्रण में है। ऐसे ऐसे जुमलों का स्तेमाल किया जा रहा है।
अब जब कोरोना मारीज ठीक होने का दावा किया जा रहा है इसका मतलब दवा मिल गई है य फिर आम जनमानस को सरकार और उसके नुमाइंदों द्वारा गुमराह किया जा रहा है वास्तव में वह कोरोना के मारीज है ही नहीं वह सीजनली संक्रामक बिमारियों से ग्रसित मारीज है जो इलाज बाद स्वस्थ हो घर वापसी कर रहे हैं। अगर कोरोना मारीज इलाज करा कर स्वस्थ हो रहें हैं तो हमारे देश के काबिल वैज्ञानिकों ने दवा खोज ली और सरकार का दावा झूठा है की अभी दवा की खोज नहीं हो सकी खोज जारी है। आखिर किस पर भरोसा करें सरकार पे य उसके कर्मचारियों पर। यंहा कौन झूठा कौन सच्चा कह पाना मुश्किल है ।पर इस कशमकश में निरीह जनता जरूर पिस रही है लोग तवाह हो रहे बेरोजगार हो गए। बिजली पानी के बिल बढ़ रहे हैं बैंकों से लिए गए त्रण का बोझ बढ़ रहा। दूसरे प्रांतों से वापस आ चुके कामगार अपने अपने घरों में कैद है अब पुनः वापस जाने की हिम्मत नहीं है घरों में रह नहीं सकते क्योंकि परिवार की जीविका चलाना है । और दूसरी तरफ कोरोना का भूत हवा में उड़ रहा है लेकिन अब स्थितियों से निपटने के लिए आम जनमानस अपने आप को पूर्णतः तैयार कर चुका है।