केसर रानी परमीत
है जीवन हमारा एक सुन्दर झूठ,
है मौत अटल और एक दिन आनी है,
क्यों खोज रहा भगत सिंह को मेरे भाई
आज तो हर लड़की झांसी की रानी हैं।
नादानी मत समझ सच्ची देश भक्ति को, यह तो शूरवीरो की हिम्मत की रवानी है।
भ्रष्टाचार और घोटाले के काले धन से चल रहा जिनका घर ऐसे देश द्रोही के लहू की हर एक बूंद पानी है।
खत्म करना है चीनी व्यापार और चीनी उत्पादों के इस्तेमाल को मेरे भारत महान से, यह सच्चे भारतीय ने ठानी है।
सभ्यता, भाईचारा, देश प्रेम और बलिदान यही मेरे भारत देश की निशानी है।
बनकर फौजी वो सरहद पर जंग लड रहे, हम सबके लिए;
वो सीने पर गोलियां खा रहे, हम सबके लिए;
वो पर्वत पर खड़े हैं, वो दुर्गम बर्फीली चोटियों पर तैनात है, वो निडरता से तपती रेगिस्तानी मिट्टी के पास हैं।
हर सच्चे भारत वासी को उनके बलिदानो का एहसास हैं।
अब बारी हमारी है हमको भी देना अपने फौजी भाईयों का साथ हैं।
हमारे फोन से सभी चीनी ऐप को हटाना हैं और सभी चीनी उत्पादों का आज से ही मेरे संपूर्ण भारत में बहिष्कार हैं ।
भूल चुका है जो युवा कर्तव्य पालन को ,ऐसी ?? भावना अपने भारत से हटानी है।
कडी आलोचना, निदा, सता की भूख नहीं हमारे अभियान मे, सच्ची देश भक्ति तो मेरे वीर सिपाहियों की कुर्बानी है ।
मत बाटो मेरे प्यारे भारत देश को धर्म, जाति और संस्कृति के नाम पर
इस मिट्टी पर जन्म लेने वाला हर हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई मेरा भाई है। यही बात प्रत्येक भारतीय को समझानी है।
मर मिटे वीर सिपाही भारत के तिरंगे की शान के लिए, हर घर की बहू बेटियों की आन के लिए, यह चेन की नींद,यह सुरक्षा कवज मेरे वीर सिपाहियों की मेहरबानी है।
“विजयी विशवी तिरंगा प्यारा झंडा ऊंचा रहे हमारा” ऐसी देश भक्ति की लहर जम्मू¬कश्मीर से कन्याकुमारी तक फैलानी है।
कोई ऐसे ही नहीं फौजी बनता,वो जिगर चाहिए शेर सा और हौसला चाहिए दलेर का।
अब हमको भी केवल मुँह से नहीं, कर्मो से देशभक्ति का कर्त्तव्य निभाना हैं। रख हौसला और यकीन खुद पर फिर शान से भारत का झंडा और राष्ट्रीय गीत की ध्वनि विश्व भर में लहरानी हैं।
मैं हिन्दू हूँ, तुम मुस्लिम,सिख,ईसाई हो, यह मेरा है, यह तेरा है की सोच को खत्म कर, हम सब एक है, हम सब भारतीय है ऐसी एकता की सोच अपनानी है।
केवल मेरा धर्म ही सच्चा नही,
केवल मेरी भाषा ही अच्छी नही,
मेरे देश के अन्य धर्मों की वाणी मे भी मिठास है और हर धर्म मुझे प्यारा है।
हर धर्म की बात सयानी है।
सिर झुकता है मेरा हर धर्म के लिए,
भगवत गीता, कुरान, गुरु ग्रंथ साहिब, बाइबिल न मेरे लिए अनजानी है।
युग युग का है सत्य यह नही कोई नई कहानी है “सोने की चिड़िया” था भारत देश मेरा। यही ‘चिड़िया’ एक जूट होकर अपने प्यारे भारत देश मे वापिस लानी है।
लेखिका- केसर रानी परमीत
जम्मू-कश्मीर