शशांक तिवारी
आज हम भारत में लोकतंत्र की ताकत के बारे में बात करेंगे कि भारत में लोकतंत्र कितना जरूरी हैं। हम हमेशा लोकतंत्र की बात करते हैं पर ज्यादातर लोगों को शायद भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पे विश्वास उठने लगा हैं। इसका प्रमुख कारण हैं चुनिंदा नेताओं की भ्रमित करने वाली राजनीति। हिंदुस्तान 130 करोड़ आबादी वाला देश हैं जहाँ हर धर्म का इंसान रहता हैं और ख़ुशी-ख़ुशी अपना जीवन व्यापन कर रहा हैं। पर कहीं न कहीं हम मर्यादा को लाँघने की कोशिश करते हैं और इसी वजह से हम लोकतंत्र पे ऊँगली उठाना शुरू कर देते हैं।
तो आइए सबसे पहले बताते हैं कि लोकतंत्र होता क्या हैं?
जब आप अपने बहुमूल्य मत देकर चुनाव में अपना प्रतिनिधि चुनते हैं तब आप लोकतांत्रिक प्रक्रिया के अंतर्गत उस इंसान को शासन का मुखिया बनाते हैं। यह प्रणाली एकदम निष्पक्षता के अंतर्गत के तहत की जाती हैं। आम जनता सरकार बनती हैं और आम जनता ही अपना मत देती हैं। यह आज़ादी के बाद सालों से चला आ रहा हैं।
पर फिर भी कुछ विपक्षी नेताओं ने हमेशा भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रिया पे सवाल उठाए हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं पर लोकतंत्र तो बरसों से चला आ रहा हैं और सर्वसम्मति के साथ ही लोकतंत्र के दायरे में रह कर चुनाव करवाए जाते हैं पर फिर भी हार का बर्दाश्त ना होना इसका प्रमुख कारण हैं। इसी वजह से लोकसभा और राज्यसभा में अक्सर मंत्री अपनी मर्यादाएं लाँघ कर अभद्र भाषाओं का इस्तेमाल करने लगते हैं।
आवाज़ उठाना गलत नहीं है पर आवाज़ उठाते वक़्त किसी और की भावनाओं को ठेस पहुँचाना यह कहाँ तक जायज़ हैं। यह हिंदुस्तान हैं यहाँ युवाओं की संख्या काफी ज्यादा हैं उनके मनन में यह शब्दों का इस्तेमाल सुन कर काफी बुरा लगता हैं उनका विश्वास भी डगमगा जाता हैं कि जिस देश में सब धर्म के लोग रहते हैं वहाँ हर बार लोकतंत्र पे उंगलियाँ उठती हैं।
इसी बात को लेकर भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने भी कई बार यह बात स्पष्ट की हैं कि भारत में लोकतंत्र पूरी तरह सुरक्षित हैं और कोई भी बाहरी शक्ति या फिर शासन इसके साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकता। भारत में लोकतंत्र पूरी तरह निष्पक्ष हैं और हमेशा भारत के सविंधान के दायरे पे काम करता रहेगा। चुनी हुई सरकार तो हमारी होती हैं तो ऐसे में अपने दिए गए मतों पर विश्वास होना चाहिए।
अगर राजनीति में अभद्र टिप्पणियाँ करके और जोड़ तोड़ करके अगर कोई राजनीतिक पार्टी जीत जाती तो किसी भी हिंदुस्तानी को वोट डालना नहीं पड़ता, वोट दाल के हम अपने पसंद की सरकार चुनते हैं और फिर उन्हीं के करे हुए काम को विश्लेषण करके हम उनको दोबारा या फिर उनको हटा देते हैं, ऐसे में लोकतंत्र की प्रक्रिया को हम्हे भरोसा रखना चाहिए। और साथ ही देश के प्रति ईमानदारी भी रखनी चाहिए।
आज इस लेख के जरिए मैं बस इतना ही कहना चाहता हूं कि उन तमाम राजनेताओं को कि जो भी भाषा का इस्तेमाल या काम के करने के तरीके को पूरा हिंदुस्तान देख रहा हैं अगर हम गलत शब्दों का इस्तेमाल करके दूसरों को बेइज़्ज़ती करेंगे तो देश की जनता जवाब देगी क्योंकि हमारा लोकतंत्र पूरी तरह पारदर्शी हैं और सुरक्षित हैं, देश के युवाओं के लिए विनम्र विनती हैं कि देश के लिए अपने जीवन को समर्पित करे और लोकतंत्र पे भरोसा रखे।
यह देश हमारा था और हमेशा हमारा ही रहेगा इसपर किसी और को कुछ भी बोलने का कोई अधिकार नहीं हैं। कोई भी बाहरी शक्ति या कोई गलत तंत्र हमारे देश की एकता की नहीं तोड़ सकता हैं।
भारत देश ख़ूबसूरती और भाईचारे का मिसाल माना जाता हैं इसे बदनाम मत करे और देश के लोकतंत्र पे भरोसा रखे।
INDIA IS THE MOTHER OF DEMOCRACY AND NO ONE CAN REMOVE OUR LEGACY. OUR DEMOCRACY IS NOT A WESTERN INSTITUTION, IT IS A HUMAN INSTITUTION MADE BY INDIANS. PLEASE RESPECT OUR DEMOCRACY