पटना। जिस गोदाम में सबसे बड़ी शराब की खेप पकड़ी गई थी, अब उसमें बाईपास थाने का बोर्ड दिखेगा। अस्थायी दो कमरे में चल रहे इस थाने को गोदाम में शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। शासनादेश भी पुलिस अधिकारी तक पहुंच चुका है। हालांकि, गोदाम में स्थायी निर्माण कार्य नहीं होगा। पहले से जिस अस्थायी कमरे में थाना चल रहा था उसका बोर्ड अब गोदाम के बाहर लगा दिया जाएगा। इसमें सिपाही के रहने से लेकर जब्त वाहन तक रखे जाएंगे। हालांकि, पुराने थाने में भी पुलिस काम करती रहेगी।
पहले मंदिर परिसर में फिर गैरमजरुआ जमीन पर खुला थाना
बाईपास थाना क्षेत्र पहले चौक थाना क्षेत्र में ही आता था। वर्ष 2007 में बाईपास और बहादुरपुर थाना खोला गया। तबसे बाईपास थाना वहीं मंदिर के कैंपस के दो कमरे में चल रहा था। 350वें प्रकाश पर्व के दौरान मंदिर से सौ मीटर की दूरी पर गैरमजरुआ जमीन पर थाने को शिफ्ट कर दिया गया। अस्थायी दो कमरे में यह थाना तभी से चल रहा है। अब थाने में जगह नहीं है।
शराब माफिया और शरण देने वालों को संदेश
31 जनवरी की रात बाईपास थाने से करीब पांच सौ मीटर दूरी पर भूसा के नाम पर किराये पर लिए गए निजी गोदाम पर उत्पाद विभाग की टीम ने छापेमारी की। गोदाम में अब तक की सबसे बड़ी शराब की खेप मिली। गोदाम में खड़े ट्रक पर भी शराब लोड था। शराब के बोतलों की गिनती करने में चौबीस घंटे लग गए। करीब दो करोड़ की शराब जब्त हुई और आधा दर्जन से अधिक तस्कर से लेकर माफिया को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। उत्पाद विभाग ने गोदाम को सील कर दिया।
नप गया पूरा थाना, कई पुलिसकर्मियों पर गाज
मामले में बाईपास थाने के तत्कालीन थानेदार को सस्पेंड कर दिया गया। इसके पूर्व भी जक्कनपुर, बेउर, गौरीचक का पूरा थाना ही नप चुका है। अप्रैल 2016 से जनवरी 2021 तक दो लाख से अधिक कांड दर्ज हुए। 37 हजार गाडिय़ां जब्त हुईं। मामले में करीब पांच सौ पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जा चुकी है। 60 से अधिक पुलिसकर्मी नौकरी गवां बैठे, जबकि कई पुलिस पदाधिकारी और जवानों की गिरफ्तारी भी हुई। पटना के एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि गोदाम में अस्थायी थाना खोलने के आदेश मिल चुका है। आगे की कार्रवाई की जा रही है।