डॉ० अर्चना मिश्रा शुक्ला की कलम से
राधा ले पिचकारी दौड़ी
कान्हा पीछे – पीछे
जोगीरा सारा रा रा रा
लाल, गुलाबी और संतरी
रंगों की बौछार
जोगीरा सारा रा रा रा
राधा भागे कान्हा भीगे
उड़ता रहे गुलाल
जोगीरा सारा रा रा रा
ब्रज की बाला ले संग साखियां
फगुआ रही मनाय
जोगीरा सारा रा रा रा
बरसाने और नंदगांव में
सतरंगी है धार
जोगीरा सारा रा रा रा
मन उज्जवल सा साफ हृदय है
प्रेम भरा त्यौहार
जोगीरा सारा रा रा रा
बच्चा- बच्चा रंग में डूबा
जन- जन में उल्लास
जोगीरा सारा रा रा रा
देवर भौजी पर है भारी
रंग गुलाल बहार
जोगीरा सारा रा रा रा
जीजा , देवर, साली, सरहज
मिलकर रंग उड़ाय
जोगीरा सारा रा रा रा
हर नर-नारी डूब रहे हैं
मस्ती का त्यौहार
जोगीरा सारा रा रा रा