नई दिल्ली: शराब से बचना और खादी पहनना कांग्रेस पार्टी का दशकों पुराना नियम है। महात्मा गांधी के समय से शराब से बचने की बात चली आ रही है। करीब 14 साल पहले 2007 में भी राहुल गांधी ने कांग्रस कार्य समिति (CWC) की बैठक में इस विषय का जिक्र करते हुए नियम की प्रासंगिकता और व्यवहारिकता पर सवाल उठाया था। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से मंगलवार को आयोजित राज्य प्रमुखों की बैठक में कई नेता उस समय असहज हो गए जब राहुल गांधी ने अचानक शराब का मुद्दा उठा दिया। राहुल गांधी ने इससे पहले यही मुद्दा 2007 में उठाया था।
दरअसल, कांग्रेस की तरफ से शुरू हो रहे सदस्यता अभियान के नियमों में कहा गया है कि पार्टी का सदस्य बनन के लिए किसी भी व्यक्ति को शराब और मादक पदार्थों से दूरी बनाए रखने का संकल्प लेना होगा।
सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने सवाल किया- यहां कौन-कौन पीता है? इस सवाल पर कई कांग्रेसी नेता झेंप गए और उन्हें जवाब देते नहीं बन रहा था। इस बीच नवजोत सिंह सिद्धू ने जवाब दिया और कहा, ‘मेरे राज्य में ज्यादातर लोग पीते हैं।’ सिद्धू ने हालांकि किसी का नाम नहीं लिया।
सूत्रों के मुताबिक ऐसी स्थिति से निपटने के लिए सदस्यता के नियमों में बदलाव जरूरी है, हालांकि इसे तुरंत नहीं बदला जा सकता है। पार्टी में नियमों के मुताबिक केवल कार्य समिति ही इसमें बदलाव कर सकती है।
कांग्रेस पार्टी एक नवंबर से अगले साल 31 मार्च तक सदस्यता अभियान चलाने जा रही है। 16 अक्टूबर को हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में यह फैसला किया गया था।
पार्टी की ओर से जारी शर्तों के अनुसार कांग्रेस का सदस्य बनने के लिए किसी भी व्यक्ति को शराब और मादक पदार्थों से दूरी बनाए रखने का संकल्प लेना होगा और यह हलफनामा भी देना होगा कि वह सार्वजनिक मंचों पर कभी भी पार्टी की नीतियों एवं कार्यक्रमों की आलोचना नहीं करेगा।
पार्टी ने एक नवंबर से आरंभ हो रहे सदस्यता अभियान के लिए तैयार आवेदन-पत्र में 10 ऐसे बिंदुओं का उल्लेख किया है, जिसके बारे में सदस्य बनने के इच्छुक लोगों को अपनी स्वीकृति देनी होगी।
इस आवेदन-पत्र में यह भी कहा गया है कि सभी नये सदस्यों को यह संकल्प लेना होगा कि वे किसी भी तरह के सामाजिक भेदभाव की गतिविधि में शामिल नहीं होंगे, बल्कि इसे समाज से खत्म करने की दिशा में काम करेंगे।
शपथ-पत्र में कहा गया है, ‘मैं नियमित रूप से खादी धारण करता हूं, मैं शराब और मादक पदार्थों से दूर रहता हूं, मैं सामाजिक भेदभाव और असमानता नहीं करता, बल्कि इन्हें समाज से खत्म करने में विश्वास करता हूं और मैं पार्टी की ओर से दिए जाने वाले काम को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।’