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अयोध्या। भगवान श्री रामलला को अस्थाई भवन में शिफ्ट किये जाने के लिए अस्थाई भवन तैयार हो चुका है। 25 मार्च को भगवान श्री रामलला टेंट से निकलकर अस्थाई मंदिर में जाएंगे। इस दौरान वर्षों से मिले सिंघासन के साथ विराजमान होंगे। जिसके लिये आज से धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है।
राम जन्मभूमि परिसर में विराजमान भगवान श्री राम लला 1949 में परिसर में प्रकट हुए थे। उसी समय भगवान श्री रामलला व उनके भाइयों को एक लकड़ी के सिंहासन पर विराजमान कराया गया था। आज उसी सिंहासन ओं के साथ ही नए अस्थाई भवन में वे विराजमान होंगे। जिसके लिए आज से राम जन्मभूमि परिसर में बने अस्थाई भवन को शुद्धिकरण के लिए वैदिक आचार्यों के माध्यम से अनुष्ठान प्रारम्भ हो चुका है। रामलला 25 मार्च को वैदिक रीति रिवाज से 15 वेद विद्वानों के द्वारा अस्थाई भवन में विराजमान होंगे। इनके साथ विराजमान तीनों भाई लक्ष्मण, भरत, शत्रुहन भी अस्थाई भवन में विराजेंगे।
राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि वर्तमान में भगवान श्री रामलला का 3 फुट लंबा और 1.5 फुट चौड़े लकड़ी की चौकी पर सिंघासन बना हुआ है जो एक तरफ से खुला हुआ है और अन्य जगहों से बंद है। जिस पर रामलला अपने भाइयों के साथ विराजमान हैं। इस सिंघासन पर तीन भाग बने हुए हैं। जिसमें सबसे ऊपर पहले भाग में भगवान श्री रामलला, उसके बाद दूसरे भाग में लक्ष्मण, भरत, शत्रुहन और उसके बाद तीसरे भाग में सालिग्राम भगवान विराजमान हैं और इसी सिंघासन को नए अस्थाई मंदिर में विराजमान कराया जाएगा। जो लगभग पूरा हो चुका है और 25 मार्च को विधि विधान पूर्वक पूजा पाठ के बाद रामलला अस्थाई भवन में विराजमान होंगे।