देवेश कटियार की रिपोर्ट
कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के एक आरोपी प्रभात मिश्र उर्फ कार्तिकेय के एनकाउंटर की न्यायिक जांच अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन को दी गई है। प्रभात मिश्र उर्फ कार्तिकेय को पुलिस ने 9 जुलाई को एनकाउंटर में मार गिराया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर प्रभात के नाबालिग होने के दस्तावेज वायरल हुए थे।
हाई स्कूल के सर्टिफिकेट के मुताबिक प्रभात मिश्र उर्फ कार्तिकेय महज 16 वर्ष का था। अब कानपुर देहात के मुख्य न्यायिक अधिकारी ने इस एनकाउंटर की जांच के आदेश दिए हैं। इस घटना से संबंधित कोई भी व्यक्ति जांच अधिकारी के दफ्तर में 27 जुलाई तक साथ वह बयान दे सकता है।
कैसे हुआ था प्रभात मिश्र उर्फ कार्तिकेय का एनकाउंटर
2-3 जुलाई की रात को विकास दुबे और उसके गैंग ने बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या कर दी थी। इसके बाद विकास दुबे अपने साथियों के साथ फरार हो गया था। उसकी तलाश यूपी पुलिस और एसटीएफ कर रही थी। 8 जुलाई को खबर मिली थी कि विकास दुबे फरीदाबाद के एक होटल में छिपा हुआ है।
इसके बाद फरीदाबाद पुलिस और यूपी एसटीएफ के जवानों ने फरीदाबाद के एक होटल पर छापेमारी की। इस दौरान विकास दुबे नहीं मिला, लेकिन वहां प्रभात मिश्र उर्फ कार्तिकेय मिल गया था। पुलिस का दावा है कि उसके पास से लूटी गई सरकारी पिस्टल को बरामद किया गया था।
प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय को पकड़कर पुलिस कानपुर ला रही थी. पुलिस के मुताबिक, 9 जुलाई की सुबह कानपुर आते समय पुलिस की गाड़ी का पंक्चर हो गई। इस दौरान प्रभात मिश्र उर्फ कार्तिकेय ने पुलिसकर्मियों की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की. जवाबी कार्रवाई में प्रभात मिश्र मारा गया।