शशांक तिवारी की रिपोर्ट
कानपुर । संजीत के पिता चमन सिंह ने बर्रा पुलिस पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पीडि़त होने के बावजूद निलंबित इंस्पेक्टर रणजीत राय ने अपराधी जैसा बर्ताव किया। सुबह छह बजे से लेकर रात दो बजे तक थाने में कैद करके रखते थे, ताकि मीडिया के सामने पुलिस की पोल न खोल दें।
बेटे की मौत और पुलिस की कार्यप्रणाली से आहत चमन सिंह ने बताया कि रणजीत राय और जनता नगर चौकी प्रभारी सुबह सिपाही भेजकर थाने बुला लेते थे। दोपहर में सिपाही के साथ थाने के आसपास घुमाने के बाद फिर कैद कर लिया जाता था। कुछ सवाल करते तो कहा जाता कि पुलिस अपराधियों के करीब है। दोपहर दो बजे हमसे खाने के लिए पूछते थे, लेकिन जिसका इकलौता बेटा लापता हो वह खाना कैसे खा सकता है? थाने में लगातार दबाव बनाया जाता था कि मीडिया से संपर्क न बनाएं। डराते थे कि मामले ने तूल पकड़ा तो अपहर्ता उनके बेटे को मार देंगे। इसी डर ने होंठ सिल दिए और पुलिस मनमानी करती रही। अगर मामला ठीक से मीडिया तक पहुंच जाता तो शायद बेटा जिंदा होता।
आंखों के सामने से हट जाओ, मैं पुलिस को देखना नहीं चाहती
निलंबित चौकी प्रभारी राजेश कुमार की जगह एसएसपी ने प्रमोद कुमार यादव को जनता नगर चौकी प्रभारी बनाया है। शनिवार को जब वे संजीत के घर पहुंचे तो मां कुसुम चीख पड़ीं। उन्होंने कहा कि आंखों के सामने से हट जाओ, पुलिस को देखना नहीं चाहती। इसके बाद वे बेसुध होकर गिरने लगीं तो स्वजन ने उन्हें पानी पिलाकर बैठाया और समझाया। इसके बाद चौकी प्रभारी ने संजीत के पिता और बहन का हालचाल लिया।